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आतंकवाद हमारे शांतिपूर्ण सह अस्तित्व और लोकतंत्र के लिए भी बड़ा खतरा: राजनाथ सिंह

Rajnath Singh

Rajnath Singh

देहारादून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने देहरादून में एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले 11 साल में सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा चक्र को चाक चौबंद किया है। आंतरिक सुरक्षा हो या बाहर के दुश्मनों से सुरक्षा की बात हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने सुरक्षा चक्र को मजबूती दी है। हमने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हर मुद्दे पर सरकार के एटीट्यूड और एक्शन के तरीके को बदला है। ये बदलाव दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिला है। पहलगाम आतंकी हमले में आतंकवादियों ने जिस तरह धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, उसने पूरे देश को झकझोरा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि पहलगाम हमला सिर्फ हमारे लोगों पर नहीं बल्कि देश की सामाजिक एकता पर किया गया हमला था। इसके ख़िलाफ़ देश ने बड़ी और कड़ी कारवाई करते हुए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों और उससे जुड़े इंफ्राट्रक्चर को तबाह कर दिया। यह आतंकवाद के खिलाफ की गई भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी कारवाई है।

आतंकवाद के खिलाफ सतर्क होने का समय

उन्होंने कहा कि आंतकवादियों को तो भारतीय सेना ने जवाब दे दिया है लेकिन इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों, यह बात भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक बेहद अहम मुद्दा है। अब सिर्फ सरकारों के स्तर पर नहीं, बल्कि जनता के स्तर पर भी इस आतंकवाद के खिलाफ सतर्क होने का समय है। आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा अभिशाप है। यह मानवीय सभ्यता के सबसे अहम मूल्यों का दुश्मन है।

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि आतंकवाद हमारे शांतिपूर्ण सह अस्तित्व और लोकतंत्र के लिए भी बड़ा खतरा है। कोई भी सभ्य देश इसे सहन नहीं कर सकता। आतंकवाद मानवता पर कलंक है और विकास में बाधा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सुरक्षा का सवाल नहीं है, यह मानवता के मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है। यह उस बर्बर सोच के खिलाफ लड़ाई है, जो सभी मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।

आतंकवाद की समस्या का समाधान बहुत जरूरी

रक्षा मंत्री (Rajnath Singh) ने कहा, वैसे तो मानवता के सामने जितनी भी भयावह महामारियां आईं, वह देर-सवेर खत्म हो ही गईं। आतंकवाद भी एक महामारी है। इसकी नियति भी यही है लेकिन इसे अपनी मौत मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। जब तक आतंकवाद है, यह हमारी सामूहिक शांति, विकास और समृद्धि को चुनौती देता रहेगा। हमारे संसाधन इस आतंकवाद रूपी महामारी से लड़ने में बर्बाद होते रहेंगे। इसलिए आतंकवाद की इस समस्या का स्थायी समाधान बहुत जरूरी है।

इतिहास ने बार-बार साबित किया है कि आतंकवाद का कोई भी लक्ष्य, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे हमेशा हिंसा और डर के बल पर पाने की कोशिश की जाती है और वह कभी सफल नहीं होती है। यह सोचना भी सही नहीं है कि कोई आतंकवादी किसी का स्वतंत्रता सेनानी हो सकता है। यह बात मैंने इस्लामाबाद में सार्क गृह मंत्रियों की 2016 में हुई बैठक में पूरी साफ़गोई से रखी थी, क्योंकि पाकिस्तान का एक वर्ग आतंकवादियों को फ्रीडम फाइटर साबित करना चाह रहा था।

आतंकवाद की कोख से कोई क्रांति नहीं पैदा होती

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, मैं मानता हूं कि कोई भी मजहबी, वैचारिक या राजनीतिक कारण आतंकवाद को जायज नहीं ठहरा सकता। आतंकवाद की कोख से कोई क्रांति नहीं पैदा होती है। सिर्फ बर्बादी और नफरत पैदा होती है। हमने हमेशा देखा है कि पाकिस्तान जैसे देश लगातार आतंकवाद को समर्थन देते आए हैं। यह कितना विरोधाभास है, कि भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही समय आज़ाद हुए। आज भारत को पूरी दुनिया में जहां मदर ऑफ डेमोक्रेसी की पहचान मिली है, वहीं पाकिस्तान फादर ऑफ ग्लोबल टेररिज्म बनकर उभरा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के गुनाहों की लिस्ट बहुत लंबी है। इसलिए जरूरी है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम सिर्फ आतंकवादियों को ही नहीं, बल्कि उन्हें मदद करने वाले पूरे टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी खत्म करें। आतंकवाद को फंडिंग और शरण देने वाले देशों को दुनिया में बेनकाब करना जरूरी है। पाकिस्तान को जो पैसा या आर्थिक सहायता मिलती है, उसका एक बड़ा हिस्सा आतंकवाद के कारखाने में खर्च किया जाता है। पाकिस्तान को फंडिंग का मतलब है, आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को फंडिंग।

बिल्ली से दूध की रखवाली कराने जैसा है

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, मैं मानता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी जिम्मेदारी किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था पर है, तो वह है संयुक्त राष्ट्र संघ पर है। दुर्भाग्यवश, हाल के वर्षों में UN के कई निर्णयों पर सवालिया निशान लग गए हैं। पाकिस्तान को काउंटर टेररिज्म पैनल का उपाध्यक्ष बनाना, बिल्ली से दूध की रखवाली कराने जैसा है। ग्लोबल कम्यूनिटी और यूनाइटेड नेशंसजैसी संस्थाओं को आतंकवाद जैसे मुद्दों पर और भी गंभीरता से सोचने की जरूरत है। पाकिस्तान वही देश है जहां हाफ़िज़ सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं और जहर उगलते हैं।

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि जब हम आतंकवाद के खतरे से मुक्त होंगे, तभी हम पूरी दुनिया में सही मायनों में शांति और प्रगति के साथ-साथ समृद्धि के लक्ष्य की तरफ़ बढ़ सकेंगे। यह सब तो पाकिस्तान की आम जनता भी चाहती है मगर वहां के हुक्मरानों ने पाकिस्तान को तबाही के रास्ते पर डाला हुआ है। पाकिस्तान में आतंकवाद एक धंधा बन चुका है।

उन्होंने कहा, मैंने तो पहले भी पाकिस्तान को सलाह दी थी और आज फिर कहना चाहता हूं, अगर पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कारवाई नहीं हो पा रही है तो भारत मदद करने के लिए तैयार है। भारत की सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार प्रभावी कारवाई करने में सक्षम हैं। यह तो पाकिस्तान ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देख लिया है। इसलिए पूरी दुनिया के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर हर तरह का रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाया जाए।

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