नई दिल्ली। रजत शर्मा ने DDCA के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के खिलाफ दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के बाकी निदेशकों ने प्रस्ताव पास करके उनकी शक्तियां छीन ली थीं। ऐसे में उनका काम ज्यादा रह नहीं गया था। उनके इस्तीफा का ये बड़ा कारण हो सकता है।
News alert: @RajatSharmaLive has tendered his resignation from the post of President, DDCA with immediate effect and forwarded it to the Apex Council.
— DDCA (@delhi_cricket) November 16, 2019
रजत शर्मा के इस्तीफे की जानकारी DDCA के ट्विटर अकाउंट से दी
बता दें कि रजत शर्मा ने डीडीसीए अध्यक्ष रहते दिल्ली के ऐतिहासिक स्टेडियम फिरोजशाह कोटला का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम रखने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मंजूरी मिली। बता दें कि दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पत्रकार अरुण जेटली अच्छे मित्र थे। इसके अलावा अरुण जेटली DDCA के लंबे समय तक अक्ष्यक्ष रहे थे। फिलहाल, रजत शर्मा के इस्तीफे की जानकारी DDCA के ट्विटर अकाउंट से दी गई है।
DDCA ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि रजत शर्मा ने डीडीसीए के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया
दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि रजत शर्मा ने डीडीसीए के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे को एपेक्स काउंसिल को भेज दिया गया है। बता दें कि रजत शर्मा को पिछले साल जुलाई 2018 में डीडीसीए का अध्यक्ष चुना गया था। इस रेस में रजत शर्मा ने पूर्व क्रिकेटर मदनलाल को पीछे छोड़ा था।
अपना इस्तीफा भेजते हुए रजत शर्मा ने लिखा है कि प्रिय सदस्यों, डीडीसीए के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मुझ पर विश्वास जताया। इसके लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं। अपने छोटे से कार्यकाल में मैंने सच्चाई और ईमानदारी के साथ एसोसिएशन के सर्वोत्तम हित में अपने दायित्वों का निर्वहन करने का हर संभव प्रयास किया है। हमारा एकमात्र एजेंडा एसोसिएशन का कल्याण और प्रत्येक पहलू में पारदर्शिता लाने का था।
रजत शर्मा कहा कि अपने इस प्रयास में मुझे कई बाधाओं, विरोध और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा
रजत शर्मा कहा कि अपने इस प्रयास में मुझे कई बाधाओं, विरोध और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि बस मुझे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकना था, लेकिन किसी तरह मैं केवल एक एजेंडे के साथ आगे बढ़ता रहा कि सदस्यों को किए गए सभी वादे पूरे किए। रजत शर्मा कहा कि हर समय क्रिकेट के हित और कल्याण को सर्वोपरि रखा।
डीडीसीए में सच्चाई, ईमानदारी और पारदर्शिता के मेरे सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं
हालांकि, क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबाव से भरा होता है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि निहित स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हित के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि डीडीसीए में सच्चाई, ईमानदारी और पारदर्शिता के मेरे सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं है, जिससे मैं किसी भी कीमत पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हूं। यही कारण है कि मैं डीडीसीए के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।
अब एसोसिएशन के पास लगभग 25 करोड़ रुपये का कोष
रजत शर्मा ने इस पत्र में ये भी लिखा है कि जब उन्होंने डीडीसीए के अध्यक्ष पद की कमान संभाली थी तो संघ का खजाना खाली था, लेकिन अब एसोसिएशन के पास लगभग 25 करोड़ रुपये का कोष है। रजत शर्मा ने लिखा है कि मैं आपसे आग्रह करता हूं कि यह धन करीब 25 करोड़ रुपये केवल क्रिकेट को बढ़ावा देने और क्रिकेटरों की मदद के लिए खर्च किया जाएं।