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गोरखपुर में बनेगा पूर्वांचल का पहला प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय

cm yogi adityanath Gorakhpur Journey of development Natural Science Museum

CM Yogi

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के दूसरे कार्यकाल में भी गोरखपुर (Gorakhpur) की विकास की यात्रा (Journey of development) रफ्तार बनाए हुए है। विकास के विविध आयामों से समृद्ध करने के क्रम में गोरखपुर को प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (Natural Science Museum) की सौगात मिलने जा रही है। इससे मनोरंजक ज्ञान के साथ पर्यटन संवर्धन को भी पंख लगेंगे। यह पूर्वांचल का पहला प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय होगा और जल्द ही सीएम योगी इसकी आधारशिला रखेंगे।

अपने दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हस्तिनापुर, मेरठ व गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय की स्थापना के निर्देश दिए हैं। गोरखपुर में स्थापित होने वाले इस संग्रहालय की परियोजना पर तकरीबन 25 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस प्राकृतिक संग्रहालय का निर्माण तारामण्डल एरिया में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान के निकट स्थित ‘बौद्ध संग्रहालय’ के परिसर में ही डेढ़ एकड़ में बहुमंजिला इमारत के रूप में किया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संस्कृति विभाग पहले ही भारत सरकार को प्रस्ताव भेज चुका है।

अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद इसके निर्माण के लिए प्रशासनिक सरगर्मियां पुन: बढ़ गई हैं। इससे प्रकृति प्रेमियों में भी खासा उत्साह है। प्रख्यात पर्यावरणविद और ग्रीन ऑस्कर से सम्मानित माइक एच. पांडेय कहते हैं कि गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय स्थापित होना पूर्वांचल के लिए गौरव की बात है। इससे यहां विलुप्त हो चुके या विलुप्त होने की कगार पर आ चुके जीव-जन्तुओं, पक्षियों, विलुप्तप्राय पेड़-पौधों का भी संग्रह संभव हो सकेगा। संग्रहालय हमारी नई पीढ़ी को प्रकृति, विज्ञान, जीव जन्तु और वनस्पतियों और उनके पारस्परिक संबंध की समझ पैदा करेगा।

गोरखपुर में सुरक्षित रखे जाएंगे जीव-जंतुओं के शरीर

प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय में पहले विलुप्त हो चुके जीव-जंतुओं, पक्षियों के शरीर को रखा जाएगा। देश में विभिन्न स्थानों एवं संग्रहालयों से उन्हें चयनित कर लाया जाएगा। ऐसी वनस्पतियों एवं जीव-जंतु के शरीर को केमिकल कोटिंग कर या स्टफिंग कर सुरक्षित रखा जाएगा। संग्रहालय में उन्हें इस तरह से रखा जाएगा कि वे जीवित स्थिति में नजर आएंगे। यहां उनसे जुड़ा साहित्य एवं आडियो विजुअल गैलरी भी निर्मित की जाएगी। गोरखपुर हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल बताती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर को ज्ञान की नगरी बनाने की कड़ी में एक और बड़ा कदम होगा। उनके इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए।

पयर्टन विकास को मिलेगा बढ़ावा

प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के निर्माण से नई पीढ़ी को प्राकृतिक संपदा एवं इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां पयर्टक सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। बौद्ध संग्रहालय, नौका विहार, रामगढ़ताल, शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान, इंटरनेशनल वॉटर स्पोर्ट्स काम्पलेक्स, गीता प्रेस, गोरखनाथ मंदिर, सूर्य मंदिर, गीता वाटिका, बुढ़िया माता मंदिर, विनोद वन, कुसम्ही जंगल, गोरखपुर-सोहगीबरवा इको टूरिस्ट सर्किट ये सब मिल कर देश विदेशी पयर्टको को न केवल आकर्षित करेंगे, बल्कि प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी बढ़ाएंगे।

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‘‘गोरखपुर के लिए नेचुरल साइंस म्यूजियम के रूप में बड़ी उपलब्धि मिलने वाली है। इसे प्राणी उद्यान के निकट बौद्ध संग्रहालय परिसर में बहुमंजिला इमारत में बनाने की योजना है। म्यूजियम में विलुप्त हो चुके पक्षियों एवं अन्य-जीव जन्तुओं के शरीर को स्टफिंग कर रखा जाएगा। ’’

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