- यूपी पंचायत चुनाव में शिक्षकों की कोरोना से हो रही मौत
- प्रियंका ने उठाए सवाल-इंतजाम नहीं था तो टीचर्स को ड्यूटी पर भेजा क्यों?
यूपी पंचायत चुनावों की ड्यूटी में लगे लगभग 500 शिक्षकों की मृत्यु की खबर दुखद और डरावनी है।
चुनाव ड्यूटी करने वालों की सुरक्षा का प्रबंध लचर था तो उनको क्यों भेजा?
सभी शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख रु मुआवाजा व आश्रितों को नौकरी की माँग का मैं पुरजोर समर्थन करती हूँ। pic.twitter.com/ihxRZtNJKS
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 29, 2021
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आगाज कोरोना काल के बीच हुआ है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामले और उन से संक्रमित हुए लोगों की मौत दिन-ब-दिन हो रही है। इसी भयावह स्थिति के चलते अब पंचायत चुनाव की मतगणना ड्यूटी में लगे कर्मचारी सहमे हुए हैं। उनमें इस वायरस को लेकर डर है क्योंकि चुनावी ड्यूटी के दौरान कई कर्मचारी पहले ही इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, चाहे वह शिक्षकगण रहे हों या अन्य विभागों के कर्मचारी या फिर अधिकारीगण।
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह बताते हैं कि जब कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा था, तभी हम लोगों ने निर्वाचन आयोग से संगठन की तरफ से मांग की थी कि चुनाव को टाल दिया जाए लेकिन चुनाव आयोग ने हमारी एक भी नहीं सुनी और वह चुनाव करवाने में व्यस्त रहा और आज यह भयावह स्थिति आ गई है कि कई कर्मचारी संक्रमित होकर कोरोना से मौत के मुंह में जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पंचायत चुनाव के नाम पर राज्य निर्वाचन आयोग ने 71 जिलों में 577 बेसिक शिक्षकों को संक्रमित कर दिया. हम उनका नाम चुनाव आयोग को सौंप रहे हैं। इससे पहले सरकार की ओर से सभी डीएम, एसपी और जिला निर्वाचन अधिकारी को एक सर्कुलर भेजा गया था।