Site icon News Ganj

पीएम की वर्चुअल रैलियां : जीत का विश्वास या बीजेपी के कमजोर गढ़ों से बचाव

pm modi

pm modi

कोलकाता । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाकी बचे दो चरणों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी के मद्देनजर निर्धारित अभियान को रद्द कर दिया है। इसके बजाय वे आभासी बैठकें करेंगे। चुनाव का सातवां और आठवां चरण व्यावहारिक रूप से तृणमूल और कांग्रेस के गढ़ में होना है।

पश्चिम बंगाल में आठ चरण के छठे चरण का समापन 22 अप्रैल 2021 को हो चुका है। शेष दो चरणों में शेष 69 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान 26 और 29 अप्रैल को होगा। वास्तव में आने वाले चरणों में कुल 71 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हैं लेकिन मुर्शीदाबाद जिले के समसेरगंज और जोगीपुर निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों की मृत्यु के बाद चुनाव 16 मई 2021 को कराए जाएंगे।

अब सवाल यह उठता है कि क्या पीएम का आभासी अभियान (pm virtual meetings) चुनाव में जीत के उनके विश्वास की अभिव्यक्ति है या इन 69 निर्वाचन क्षेत्रों में भगवा पैठ की कमजोरियों को देखते हुए जानबूझकर यह किया गया है। कुछ लोगों को लगता है कि यह बदलाव भगवा खेमे से एक सकारात्मक संकेत है जबकि कुछ अन्य लोगों को लगता है कि यह बदलाव हार का संकेत है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के एक वर्ग को लगता है कि भाजपा पहले ही 223 निर्वाचन क्षेत्रों से जादू का आंकड़ा हासिल करने तक के लिए जीत सुनिश्चित कर चुकी है। उनके स्टार प्रचारकों को शेष 69 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए आक्रामक प्रचार के लिए जाने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही। इसलिए पीएम ने भौतिक की जगह आभासी रैलियां करने वाले हैं।

हालांकि इसके विपरीत विचार यह भी है कि कोलकाता, बीरभूम, पश्चिम बर्दवान, मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में 69 निर्वाचन क्षेत्र तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है। वहीं कांग्रेस के पास मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में पर्याप्त ताकत है। हालांकि उत्तर दिनाजपुर में बीजेपी के पास पर्याप्त ताकत है और मालदा में भी उनकी पैठ है लेकिन कहीं-कहीं ताकतवर तृणमूल कांग्रेस अभी दिखती है। इसलिए बीजेपी के प्रचारकों ने पिछले दो चरणों में रैलियों से परहेज किया है।

जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक और प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अमल कुमार मुखोपाध्याय प्रधानमंत्री की वर्चुअल मीटिंग्स में शिफ्ट होने के फैसले पर कहते हैं कि इसका कोई राजनीतिक कारण नहीं लगता है। कोविड-19 महामारी ने पूरे देश में खतरनाक रूप ले लिया है और ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री का यह फैसला सही है। बल्कि मैं कहूंगा कि उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है।

Exit mobile version