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कोरोना का कहर : शहर-शहर ऑक्सीजन के लिए हाहाकार, दर-दर भटक रह लोग

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नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संकट के बीच ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ी समस्या बन गई है। देश की राजधानी दिल्ली हो या फिर उत्तर प्रदेश का लखनऊ, हर जगह एक जैसे हालात दिख रहे हैं। लोगों को खुद एजेंसी पर सिलेंडर भरवाने जाना पड़ रहा है और घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है।

  • देश के हर हिस्से में कोरोना संकट से परेशानी
  • दिल्ली, लखनऊ में ऑक्सीजन की कमी
  • एजेंसी पर लोगों की भारी भीड़

जिस दिल्ली में लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से इलाज करवाने के लिए आते हैं, वहां आज लोग खुद इलाज के लिए तड़प रहे हैं। कोरोना के महाप्रकोप से जूझ रही दिल्ली में हर रोज हजारों की संख्या में केस आ रहे हैं, लेकिन इस वक्त सबसे बड़ा संकट ऑक्सीजन का है। दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन या तो खत्म होने की कगार पर है, या फिर कुछ ही घंटों का स्टॉक बचा है। दिल्ली के जैसा ही हाल लखनऊ का भी है, जहां लोगों को घंटों ऑक्सीजन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

दिल्ली के हालात इस वक्त ऐसे हो गए हैं कि मैक्स अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई की मांग करने के लिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा, जिसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए ऑक्सीजन सप्लाई के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ऑक्सीजन की किल्लत है। गुरुवार सुबह एक तस्वीर सामने आई, जहां शाहदरा की एक गैस एजेंसी के बाहर लोगों की लंबी कतार लगी है। यहां लोग कई घंटों से ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए खड़े हैं।

दिल्ली और हरियाणा में ऑक्सीजन पर रार…

राजधानी में पहले ही मैक्स, फॉर्टिस, अपोलो, सर गंगाराम जैसे कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की शॉर्टेज चल रही थी। इस बीच दिल्ली में आने वाली सप्लाई पर भी खासा असर देखने को मिला। कई अस्पतालों का आरोप था कि हरियाणा की जो कंपनी दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई करती है, उसे हरियाणा सरकार ने ही रोक लिया था. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन हरियाणा ने इन आरोपों को नकार दिया था।

दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि अलग-अलग जगह हालात अलग हैं। किसी अस्पताल में 6 घंटे का स्टोरेज है और किसी अस्पताल में 10 घंटे का स्टोरेज है लेकिन हालात ठीक नहीं हैं।

संकट के बाद केंद्र ने बढ़ाया दिल्ली का कोटा

दिल्ली के कई अस्पतालों में बीते दिन जब ऑक्सीजन का संकट खड़ा हुआ तो केंद्र सरकार ने दिल्ली के कोटे में बदलाव किया। केंद्र के कोटे के अनुसार, पहले दिल्ली को 378 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 480 मीट्रिक टन तक कर दिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार का आभार भी व्यक्त किया था।

लखनऊ में हालात खराब, अब पहुंच रही सप्लाई

देश की राजधानी दिल्ली की तरह ही लखनऊ में भी ऑक्सीजन का संकट देखने को मिला है। हालात ये हैं कि लखनऊ के टीएस मिश्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण आईसीयू में भर्ती कुछ मरीजों को केजीएमयू अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा। करीब 13 मरीज ऐसे थे, जिन्हें शिफ्ट किया गया था।

लखनऊ के ही मायो अस्पताल में बुधवार को ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से हड़कंप मच गया। यहां करीब 120 मरीज भर्ती थे, अस्पताल को 400 ऑक्सीजन सिलेंडर की दरकार थी। अस्पताल ने पहले अपने गेट पर नोटिस चस्पा किया, जिसके बाद संकट बढ़ा लेकिन कुछ देर बाद ही ऑक्सीजन आया और नोटिस को हटा दिया गया।

उत्तर प्रदेश में अब ऑक्सीजन की डिमांड को पूरा करने के लिए बोकारो से ऑक्सीजन मंगाया जा रहा है। ट्रेन के जरिए बोकारो से ऑक्सीजन सिलेंडर लखनऊ पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि टैंक की संख्या बढ़ाकर जल्द से जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई को पुरा किया जाए। बीती शाम को ही मुरादाबाद से भी पुलिस सुरक्षा में ऑक्सीजन को लखनऊ पहुंचाया गया।

दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश में भी ऑक्सीजन का संकट है, जिसको लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी थी। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक, मध्य प्रदेश से ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए वहां भी बोकारो से ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जाएगी। कुछ ही दिनों में ऐसी और ट्रेनों का संचालन शुरु किया जाएगा।

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