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प्राचीन भारतीय संस्कृति में ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म का एक अद्वितीय संगम देखने को मिलता: धामी

Om Birla and Chief Minister Dhami participated in the Indian AI Summit

Om Birla and Chief Minister Dhami participated in the Indian AI Summit

देहारादून। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई समिट में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आधुनिक युग में एआई की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। आज अनेक क्षेत्र में एआई का उपयोग हो रहा है। एआई का आध्यात्मिक मूल्यों के साथ समावेषन होना चाहिए। एआई के माध्यम पूरी दुनिया तक भारत के ज्ञान, संस्कृति को पहुचाने की दिशा में सार्थक पहल होनी चाहिए। विज्ञान व अध्यात्म का समन्वय को साथ लेकर चलें। लोकसभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि तकनीकी नवाचार के माध्यम से भावी पीढी सुदृढ हो, इस दिशा में देवसंस्कृति विवि कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने आध्यात्मिकता और विज्ञान के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित एआई सम्मेलन का आयोजन करने के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय और डॉक्टर चिन्मय पांडे का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म का एक अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। हमारी सनातन संस्कृति केवल आस्था और विश्वास पर आधारित नहीं है, बल्कि एक गहरी वैज्ञानिक दृष्टिकोण चिंतन और शोध का परिणाम है। हमारी सनातन संस्कृति निश्चित रूप से अपना एक वैशिष्ठय लिए हुए है, यही कारण है कि भारतीय संस्कृति ने विश्व को अनगिनत वैज्ञानिक खोजे दी हैं।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ साथ एआई भी व्यापक रूप से हमारे जीवन के हर पहलुओं को प्रभावित कर रहा है। एआई तकनीक हमारे दैनिक जीवन को न केवल आसान बना रही है बल्कि उद्योग में, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि और अनेक क्षेत्रों में नवाचार की प्रगति का भी प्रमुख कारण बन गई है। यदि हम इस शक्ति का सही दिशा में सही प्रकार से उपयोग करें तो हम अनेकों क्षेत्र में सुधार ला सकते हैं। यदि हम ए.आई की शक्ति का सही दिशा और उद्देश्य के साथ उपयोग करें, तो ये अनेक क्षेत्रों में सुधार लाकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा आस्था एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए स्थापित विशेष आयोग के एशिया क्षेत्र के कमिश्नर डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि वर्तमान में एआई केवल तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं है बल्कि यह शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग और सुरक्षा सहित अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। हालांकि इसके साथ ही नैतिकता, गोपनीयता, डेटा सुरक्षा तथा रोजगार पर इसके प्रभाव को लेकर कई चिंताएँ भी सामने आ रही हैं।

स्विटजरलैण्ड के इन्टर पार्लियामेंट्री यूनियन के सक्रेटरी जनरल मार्टिल चुंगोंग ने वीडियों संदेश के माध्मय से एआई की वैश्विक भूमिका को सभी के समक्ष रखा।

इस अवसर पर भारत सरकार के एआई मिशन के सीईओ डॉ अभिषेक सिंह, रॉबर्ट ट्रैगर, विलीयम जोन्स, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, स्टुअर्ट रसेल, जान टैलिन, नालंदा विवि के कुलपति डॉ सचिन चतुर्वेदी आदि अनेक एआई विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किये।

इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, राज्यमंत्री डॉ जयपाल सिंह चौहान, ओम प्रकाश जमदग्नि सुनील सैनी, जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे सहित देव संस्कृति के छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

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