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नोएडा की वारदात : बेटे की दुहाई देकर कहा- टीवी न्यूज एंकर हूं तो बची जान

ग्रेटर नोएडा वेस्ट इसे यूपी की हाईटेक सिटी के तौर पर पेश किया जाता है। लेकिन यहां पर होने वाले क्राइम दिल दहला रहे हैं। कुछ महीने पहले इसी इलाके में गौरव चंदेल नाम के व्यक्ति की कार लूट के बाद हत्या कर दी गई थी। अब वहीं पर एक टीवी एंकर को पिस्तौल की नोक पर लूट लिया गया है। वह भी पुलिस चौकी से सिर्फ 300 मीटर दूर. टीवी एंकर ने आपबीती फेसबुक पर लिखी है। वहीं पुलिस का कहना है कि उसके पास मामले को लेकर अभी शिकायत नहीं आई है।

नोएडा से चलने वाले हिंदी खबर नाम के न्यूज चैनल के एडिटर अतुल अग्रवाल के साथ यह वारदात हुई। अतुल हिंदी खबर चैनल पर शो भी एंकर करते हैं। 19 जून को रात करीब 1 बजे वह नोएडा एक्सटेंशन में राइज़ पुलिस चौकी के पास से अपनी एसयूवी लेकर गुज़र रहे थे। उसी दौरान मोटरसाइकल पर सवार 5 बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। जान से मारने की धमकी दी. उनका सामान छीन लिया। अतुल की जान कैसे बची, इसकी कहानी उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट पर शेयर की है।

‘टीवी एंकर हूं इसलिए जान बच गई शायद’

जी हां ये सच है। कल दिनांक 19 जून 2021, रात्रि करीब 1 बजे, नोएडा एक्सटेंशन के राइज़ पुलिस चौकी के पास से मैं गुज़र रहा था। मेरी सफारी स्टॉर्म कार का म्यूज़िक गड़बड़ कर रहा था तो मैंने कार रोकी और गानों वाली पेन ड्राइव को लगाने लगा। पुलिस चौकी से तकरीबन 250-300 मीटर की दूरी पर मैं रहा होऊंगा।

 

अचानक से 2 मोटर साइकिलों पर सवार 5 लड़के वहां आ धमके। एक बाइक मेरी कार के आगे और दूसरी ड्राइविंग डोर की साइड में लगा दी. सारे लड़के मास्क लगाए हुए थे। एक काफी लंबा लड़का, लंबाई लगभग 6’4″ फीट के ऊपर ही रही होगी, सबसे पहले बाइक से उतरा और मेरी तरफ का दरवाज़ा ज़ोर से खींचा। दरवाज़ा लॉक था इसलिए खुला नहीं। तो उसने खिड़की के शीशे पर ज़ोर से ठोंका और नीचे करने का हुकुम दिया। मैंने नीचे करने में आना-कानी की तो उसने पिस्तौल निकाल ली। मेरे पास उसका आदेश मानने के सिवाय और कोई चारा नहीं था। मैंने दरवाज़ा खोल दिया। उसने गन-प्वाइंट पर मुझे नीचे उतार दिया और खुद कार की ड्राइविंग सीट पर जा बैठा। बाकी के लड़कों ने मुझे कवर कर लिया। एक लड़का लगातार गालियां दे रहा था। दूसरा लड़का बार-बार बोल रहा था कि अबे गोली मार दे साले को। मैंने रिरियाते हुए कहा कि भाईसाहब मेरा एक छोटा सा बेटा है। मुझे गोली मार के आपको क्या मिलेगा? आप कार ले जाइए। जो थोड़ा बहुत पैसा है वो भी ले लीजिए। मैं पैदल ही चला जाउंगा यहां से। किसी से कुछ कहूंगा भी नहीं।

पत्रकार ने अपनी हालत बयां करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने हिम्मत जुटाकर अपनी जिंदगी की भीख मांगी। उन्होंने बदमाशों को बताया कि मोबाइल न ले जाएं वरना उन्हें पुलिस ट्रैक कर लेगी। अतुल अग्रवाल अपनी पोस्ट में आगे लिखते हैं।

इसके बाद उसने मेरा मोबाइल दूसरे लड़के को रखने के लिए दे दिया। तब मैं बड़ी हिम्मत बटोर कर उसके आगे गिड़गिड़ाया। अपना कार्ड दिखाया कि भाईजी मैं PIB जर्नलिस्ट हूं। भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हूं। मेरे मोबाइल का IMEI नंबर, मेरे सभी डीटेल्स और मेरे फिंगर प्रिंट्स आदि सब कुछ भारत सरकार के गृह मंत्रालय में रजिस्टर्ड होते हैं।

आप ये फोन लेकर जहां कहीं भी इस्तेमाल करेंगे तो सर्विलांस में आ जाएंगे। इसके बाद पता नहीं, उसके मन में क्या आया कि उसने मेरा फोन कार की सीट पर फेंक दिया। और भद्दी सी गाली देते हुए गुर्राते हुए कहा कि चल ठीक है। हम जा रहे हैं। इसके तुरन्त बाद भाग जाना यहां से। अगर किसी को बताया या पीछा किया तो जान से जाओगे।

इसके बाद लड़कों ने दोनों मोटर साइकिलें स्टार्ट कीं और सभी लोग वहां से तेज़ रफ्तार से चले गए। मैंने मन ही मन राहत की सांस ली। हाथ जोड़कर ईश्वर को धन्यवाद दिया। मेरी आंखों के सामने सिर्फ मेरे बेटे ओम का चेहरा कौंध रहा था और आंसू बरबस बरस रहे थे।

ये पोस्ट एक पत्रकार के तौर पर नहीं, एक इंसान, एक आम रहवासी के तौर पर लिख रहा हूं। अपने पूर्वजों और शुभचिन्तकों का भी तहे-दिल से शुक्रिया जिनके आशीर्वाद से एक बड़ी विपत्ति टल गई, अन्यथा कुछ भी अप्रिय हो सकता था। पीठ पीछे उन बिगड़ैल लड़कों का भी धन्यवाद करूंगा जिन्होंने मेरी जान बख्श दी। ईश्वर उन्हे सदबुद्धि दे और सही रास्ते पर लाए, ये प्रार्थना भी करता हूं।

इस घटना के बारे में नोएडा पुलिस का कहना है कि पत्रकार की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस को सोशल मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली है।घटना कल रात 1 बजे की बताई जा रही है। तत्काल टीमों को गठित कर दिया गया है। इसमें आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।

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