फरीदाबाद। फरीदाबाद की फास्टट्रैक कोर्ट ने निकिता तोमर हत्याकांड (Nikita Tomar murder case) में शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है। दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इससे पहले आज सुबह से ही न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी।
इससे पहले गुरुवार को बचाव पक्ष अपनी तैयारियों में जुटा रहा है। कोर्ट पहले ही तौसीफ और रेहान को हत्या का दोषी करार दे चुका था। ऐसे में केवल दो संभावना रह गई थीं कि या तो तौसीफ और रेहान को फांसी हो या फिर आजीवन कारावास। एक ओर निकिता के परिजन व मामा ऐदल सिंह रावत मामले में फांसी की सजा के लिए केस के पहलुओं को मजबूत करने में जुटे रहे तो दूसरी ओर बचाव पक्ष भी दिनभर तैयारी कर तथ्य जुटाते हुए अपना पक्ष मजबूत करने की तैयारी की थी।
निकिता के मामा ऐदल सिंह रावत का कहना था कि निकिता मामले में पूरे तथ्य हैं कि दोषियों को फांसी की सजा हो। परिवार भी यही चाहता है। वहीं, बचाव पक्ष के वकील अनीस खान का कहना था कि दुर्लभ मामलों में ही कोर्ट फांसी की सजा सुनाता है। कोर्ट के फैसले के बाद अभी दोनों ही पक्षों की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
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बता दें कि बीते 26 अक्तूबर को निकिता तोमर हत्याकांड (Nikita Tomar murder case) में दोनों दोषियों रेहान और तौसीफ को पुलिस ने वारदात के दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे सबूत जुटाए गए और कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरसत में जेल भेज दिया था। जेल जाने के करीब 15 दिन बाद तौसीफ के पिता जाकिर हुसैन व मां असमीना उससे मिलने जेल गए, जबकि रेहान से उसका पिता शहाबुदीन मिलने पंहुचे थे। परिजनों ने दोनों को उनके पहनने के लिए कपड़े व जूते दिए थे। इसके बाद कोविड के नियमों के तहत बाहर के लोगों का जेल में बंदियों से मिलने पर रोक लगा दी गई।