चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है, साथ ही बयानबाजी भी तेज होती जा रही है। शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ‘पानी के लिए तो पंजाब में कत्ल हो जाते हैं’। उनके इस बयान की हरियाणा के सीएम ने नायब सैनी (CM Nayab Saini) ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि सीएम मान को इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।
चंडीगढ़ में उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सर्वदलीय बैठक सीएम मान के बयान की पूरी तरह से निंदा करती है, उनका बयान सही नहीं है। इसकी साथ ही सीएम सैनी (CM Nayab Saini) ने कहा कि मान साहब को इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए, ऐसा करके वो भाईचारा खराब कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि भगवंत मान को भाईचारे को बढ़ाने वाली बातें ही करनी चाहिए।
‘पानी किसी एक राज्य की संपत्ति नहीं…’
हालांकि हरियाणा सरकार का कहना है कि भाखड़ा डैम में पानी का स्तर ऊंचा है, ऐसे में अगर समय पर इसे नहीं निकाला गया तो बारिश के दौरान अतिरिक्त पानी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान चला जाएगा, जिससे राष्ट्रीय नुकसान होगा। सीएम सैनी (CM Nayab Saini) ने यह भी कहा कि पानी किसी एक राज्य की संपत्ति नहीं, बल्कि प्राकृतिक संसाधन है जिस पर सभी का अधिकार है।
सीएम मान ने क्या कहा
दरअसल शनिवार को जालंधर में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम मान ने कहा था पंजाब में लोग दरांती और गंडासा लेकर खेतों में चले जाते हैं। पंजाब में पानी के लिए हत्याएं हो जाती हैं और आप हमारे घरों से बिना पूछे, बिना हमारे दस्तखत के आ रहे हैं, हम मना कर रहे हैं, हम सहमत नहीं हैं और आप हमसे कह रहे हैं कि लोधी-नंगल के पानी के गेट खोल दो। क्या आप हमसे जबरदस्ती पानी लेंगे?भाइयों, ये नहीं चलेगा।
पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा डैम के पानी को लेकर विवाद पैदा हो गया है। इसी को लेकर दोनों राज्यों की सरकारें आमने सामने आ गई हैं और एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। बीबीएमबी ने पंजाब को लेकर फैसला सुनाया है कि वो हरियाणा को अतिरिक्त पानी दें। हालांकि सीएम मान ने साफ कहा था कि उनके पास हरियाणा या किसी दूसरे राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।
पंजाब सरकार का अतिरिक्त पानी देने से इनकार
दरअसल दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब भाखड़ा डैम से हरियाणा को दिए जा रहे पानी की मात्रा घटाकर 4,000 क्यूसेक कर दी गई। बीबीएमबी की तकनीकी समिति ने बीते 23 अप्रैल को हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी जारी करने का फैसला लिया था। इसी को लेकर पंजाब सरकार का कहना है कि उसने मानवता के चलते हरियाणा को सीमित मात्रा में पानी दिया था, लेकिन अब अतिरिक्त मांग करना सही नहीं है।