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‘मुल्ले काटे जाएंगे’ नारा लगाने के आरोप में BJP नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोग हिरासत में

दिल्ली के जंतर-मंतर में बिना किसी इजाजत के बड़ी संख्या में हिन्दू संगठनों के लोग इकट्ठा हुए और तमाम मुस्लिम विरोधी नारे लगाए। मुुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिल्लाएंगे का नारा जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पुलिस हरकत में आई और उसने कार्यक्रम के आयोजकों से पूछताछ शुरु कर दी।

इस कार्यक्रम के प्रमुख बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय,विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह, दीपक को हिरासत में ले लिया गया है। यह जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से दी है।अश्विनी उपाध्याय को पुलिस कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन ले गई थी जहां उनसे और अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही थी।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा।  दिल्ली पुलिस कह रही है कि किसी भी तरह के सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  गौरतलब है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा था कि देश की राजधानी दिल्ली में संसद से कुछ ही दूर पर एक वर्ग को खुलेआम काटने की धमकी देने वाले गुर्गों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत कर एनएसए और यूएपीए के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है. सबूत सामने होते हुए भी कार्रवाई में देरी आखिर क्यों हो रही है?

अश्विनी उपाध्याय ने पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर सफाई दी।  उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि 15 अगस्त की तरह 8 अगस्त भी एक ऐतिहासिक दिन है। 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था. इस ऐतिहासिक दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए ही 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा एक छोटा सा कार्यक्रम आयोजित किया गया था।  प्रीत सिंह संस्था के अध्यक्ष और अरविंद त्यागी इसके महामंत्री हैं. मैं इस संस्था का पदाधिकारी नहीं हूं।

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यह कोई राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि 15 अगस्त की तरह ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन को याद करने के लिए आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ (15 अगस्त 2022) से पहले सभी अंग्रेजी कानून खत्म कर नया कानून बनाया जाए।  आर वी एस मणि, फिरोज बख्त अहमद, लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी, गजेंद्र चौहान और मैं सुबह 11 बजे मंच पर पहुंचे और भीड़ बढ़ने के कारण 12 बजे कार्यक्रम समाप्त हो गया और हम सब वहां से चले गए।

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