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मच्छर और माफिया वाला शहर बन रहा हॉस्पिटैलिटी का केंद्र

Hospitality

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लखनऊ: इसे कहते हैं कायाकल्प। कुछ साल पहले जिस शहर (Gorakhpur) की पहचान मच्छर एवं माफिया की वजह से होती थी, आज वह हॉस्पिटैलिटी (Hospitality) का हब बनने की ओर अग्रसर है। गोरखपुर जिस तरह उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बन रहा है उससे आने वाले समय में हॉस्पिटैलिटी (Hospitality) क्षेत्र की संभावनाएं और बढ़ जाती हैं। पिछले दिनों यहां लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सरमोनी-3 में 80024 करोड़ रुपए के जिस मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर दस्तखत हुए उसमें से करीब 12 फीसद 963 करोड़ रुपये पूर्वांचल के लिए थे। इसमें से भी करीब 1900 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सिर्फ गोरखपुर के गीडा के लिए हैं। स्वाभाविक है कि इसमें से कुछ निवेश हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के लिए भी होंगे।

दरअसल अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण ये संभावनाएं शुरू से रही हैं, पर माहौल ऐसा नहीं था। यह माहौल मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बदला। नतीजा सबके सामने है। हाल के वर्षों में हाल के वर्षों में यहां रेडिशन जैसे ब्रांड आये हैं। मैरिएट, ताज, हॉलिडे इन, साकेत कुंज जैसे ग्रुप भी पाइप लाइन में हैं।

उल्लेखनीय है कि भौगोलिक रूप से गोरखपुर बौद्ध सर्किट के केंद्र में स्थित है। बुद्ध से ज़ुड़े चार प्रमुख स्थानों सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु और लुम्बिनी जाने वाले अधिकांश पर्यटक यहीं से होकर जाते हैं। वाराणसी के बाद गोरखपुर पूर्वांचल का सबसे प्रमुख शहर है।
इसी नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुरू से यह मंशा रही है कि गोरखपुर में कुछ ऐसा आकर्षण होना चाहिए जो इन पर्यटकों को गोरखपुर में रुकने को मजबूर करे।

ख़ूबसूरस रामगढ़ ताल, चिड़ियाघर से बढ़ा आकर्षण

गोरखनाथ मंदिर और न्यूनतम दाम पर धार्मिक किताबों के लिए विश्व प्रसिद्ध गीताप्रेस गोरखपुर में पहले से ही था। रामगढ़ ताल जो आज गोरखपुर के मरीन ड्राइव के नाम से जाना जाता है, उसके लिए बतौर सांसद योगी ने सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया वह सबको पता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरह उसे एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट में बदल दिया उसे रोज हजारों लोग देख रहे हैं।

एडवेंचर स्पोर्ट्स पार्क और महेसरा ताल के सुंदरीकरण से और बढ़ेगा आकर्षण

एडवेंचर वाटर स्पोर्टस पार्क बनने से इसका आकर्षण और बढ़ जाएगा। सटे हुए चिड़ियाघर और रामगढ़ ताल की ही तरह शहर के उत्तरी छोर पर महेसरा ताल का सुंदरीकरण पर्यटकों के लिए सोने पर सुहागा जैसा होगा। इसके अलावा अन्य भी कई चीजें गोरखपुर में होस्पिटलटी की संभावनाओं को बढ़ाती हैं। आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, खाद कारखाने की स्थापना भी हॉस्पिटलटी क्षेत्र की संभावनाओं को और बढ़ाती है।सरकार भी इन संभावनाओं से वाकिफ है।

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इसीलिए वह गोरखपुर-लखनऊ एवं सौनोली-कुशीनगर मार्ग के जंक्शन जीरो प्वाइंट पर व्यावसायिक एवं आवासीय उपयोग के लिए गीडा ने 240 एकड़ भूमि चिन्हित किया है। प्रथम चरण के विकास के लिए जो 70 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है उसके अधिकांश हिस्से के अधिग्रहण के साथ तलपट मानचित्र भी तैयार है। होटल, बड़े अस्पताल और कॉमर्शियल उपयोग के लिए यह लोकेशन आदर्श है। आने वाले समय में इन होटलों के लिए इस सेक्टर के दक्ष युवाओं एवं युवतियों की जरूरत होगी। सरकार इसके लिए गीडा में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट का संस्थान भी खोल रही है।

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