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सर्दियों में मॉर्निंग वॉक पर जाना है हार्ट रोगियों के लिए बड़ा खतरा

हार्ट अटैक का खतरा

हार्ट अटैक का खतरा

नई दिल्ली। सर्दियों के मौसम का पारा गिरते ही पूरे उत्तर भारत में ठिठुरन बढ़ गई है। ऐसे में डॉक्टर हार्ट रोगियों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की सलाह दी है। डॉक्टर बतातें हैं कि सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।

हृदय की बीमारी व अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत

खासतौर पर पहले से हृदय की बीमारी व अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इसके साथ ही अभी सुबह में सैर न करें। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि तापमान काफी कम हो जाने पर धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। इस वजह से रक्त संचार प्रभावित होता है और हार्ट अटैक का खतरा रहता है।

ब्लड प्रेशर, अस्थमा व मधुमेह के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेकर जरूरत के मुताबिक दवा की खुराक बढ़ा लेनी चाहिए

इसके अलावा अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए इन दिनों खानपान में ठंडी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ब्लड प्रेशर, अस्थमा व मधुमेह के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेकर जरूरत के मुताबिक दवा की खुराक बढ़ा लेनी चाहिए। इसके अलावा सुबह सैर करना दिल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, इसलिए अभी सुबह की जगह दिन में धूप निकलने पर ही सैर करें।

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ठंड के मौसम में धूलकण वातावरण में ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाते

फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनरी विभाग के डॉ. विकास मौर्य ने बताया कि सर्दी में लोगों के सामने दोहरी चुनौती होती है। उन्होंने बताया कि एक तो तापमान काफी कम हो गया है। दूसरी बात यह कि ठंड के मौसम में धूलकण वातावरण में ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाते। इस वजह से ठंड के मौसम में प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। इस वजह से सर्दी के मौसम में वायरल संक्रमण होने की आशंका रहती है।

प्रतिदिन छह से आठ ग्लास गुनगुना पानी पीना चाहिए

इससे गले व फेफड़े में संक्रमण होने के साथ ही निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। अस्पताल में ऐसे मरीज बढ़ भी गए हैं। बच्चों, बुजुर्गों, पुरानी बीमारियों से पीड़ित, किडनी या अन्य अंग प्रत्यारोपण वाले मरीजों को संक्रमण होने पर नुकसान का खतरा अधिक होता है। इसलिए उन्हें अधिक संभलकर रहना चाहिए। यह देखा गया है कि ठंड अधिक होने पर लोग पानी पीना कम कर देते हैं। इससे ब्लड गाढ़ा होने लगता है, इसलिए ठंड में हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए 40 से 50 साल की उम्र वाले लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए और प्रतिदिन छह से आठ ग्लास गुनगुना पानी पीना चाहिए। यदि किसी को डॉक्टर ने कम पानी पीने की सलाह दी है, उसे डॉक्टर की सलाह का ही पालन करना चाहिए।

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