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मनमोहन सिंह ने मोदी को संयम बरतने और अच्छा आचरण रखने की दी सलाह

नई दिल्ली।चुनावी दौर में जहाँ सभी मंत्री एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं वही राजनीति का स्तर गिरता जा रहे हैं.कभी जाति के बारे में टिप्पड़ी होती है तो कभी कोई अलग विवाद।इसे बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सलाह दी है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी है.उन्होंने कहा है कि मोदी को गैर भाजपा शासित राज्यों के दौरे के दौरान संयम बरतना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी को अपने आचरण के जरिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए जो प्रधानमंत्री की नैतिकता के अनुरूप हो।

साथ ही राजनीति में गिरते भाषायी स्तर के बीच पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पद की गरिमा बनाए रखने की सलाह दी है. डॉ. सिंह ने पीएम मोदी को पद की गरिमा बनाए रखने के अलावा, संयम बरतने, अच्छे आचरण और गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की सलाह दी.कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब ‘फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स’ के विमोचन के मौके पर मनमोहन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरी सलाह है कि वे संयम बरतते हुए प्रधानमंत्री पद की गरिमा बनाए रखें।

प्रधानमंत्री को ऐसे समय में सलाह देना जब सार्वजनिक बहस का स्तर गिरता जा रहा है खासकर चुनाव के दौरान, इस बारे में पूछे जाने पर मनमोहन ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर जब भी भाजपा शासित राज्यों का दौरा किया करते थे, उनके मुख्यमंत्रियों के साथ संबंध ‘बहुत अच्छे’ होते थे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके इस दावे की पुष्टि करेंगे कि संप्रग शासन के दौरान भाजपा शासित राज्यों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया।

इसके बाद 26/11 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों की 10वीं बरसी पर उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ समझदार तत्व पनपेंगे। उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि कश्मीर में जो हो रहा है वह उन पीड़ाओं का संकेत है जिनका कारण इन दोनों देशों के बीच खराब संबंध हैं।

वहीँ इस मौके पर मौजूद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि नेहरू ने पीएम पद का जो स्तर कायम किया था, मोदी ने उसे गिराया है।चारों ओर जब इस तरह का माहोल चल रहा है तब नेताओं के इस तरह एक दूसरे पर तंज़ कसना कहाँ तक सही है.

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