Site icon News Ganj

जानें क्यों मनाई जाती गोवर्धन पूजा और क्या है इसका इतिहास

कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई। इस दिन बलि पूजा, मार्गपाली आदि उत्सव भी मनाए जाते हैं। इस दिन गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराके धूप-चंदन तथा फूल माला पहनाकर उनका पूजन किया जाता है।

आपको बता दें इस दिन गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाकर उसके समीप विराजमान कृष्ण के सम्मुख गाय तथा ग्वाल-बालों की रोली, चावल, फूल, जल, मौली, दही तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा और परिक्रमा की जाती है।

जानकारी के मुताबिक मूसलधार वर्षा से बचाने के लिए 7 दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर इन्द्र का मान-मर्दन किया तथा उनके सुदर्शन चक्र के प्रभाव से ब्रजवासियों पर जल की एक बूंद भी नहीं पड़ी, सभी गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे।

Exit mobile version