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प्रसव पी​ड़ा को नजरंदाज कर दी लॉ की परीक्षा, अब हो रही है तारीफ

Law exam

Law exam

नई दिल्ली। अक्सर कहा जाता है जिसमें जोखिम उठाने का साहस नहीं है। वह अपनी ज़िंदगी में कुछ भी हासिल नहींं कर सकता है। इस बात को शिकागो निवासी ब्रायना हिल ने सच साबित कर दिखाया है।

अमेरिका के​ शिकागो शहर निवासी ब्रायना हिल जब बीते हफ्ते लॉ की परीक्षा (Law exam)  देने बैठीं, तब वह 38 हफ्ते की गर्भवती थीं। कंप्यूटर पर सवालों के जवाब टाइप करने के आधे घंटे के भीतर ही उन्हें प्रसव पीड़ा महसूस होने लगी। हालांकि, वह सीट पर डटी रहीं क्योंकि छात्र नकल नहीं कर रहे हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए उनका कैमरे की नजरों से हटना वर्जित था।

बता दें कि ब्रायना ने एक घंटे तक प्रसव पीड़ा सहते हुए पहला पेपर दिया। इसके बाद वह वॉटर ब्रेक के लिए सीट से उठीं तो एहसास हुआ कि उनकी ‘एमनियॉटिक थैली’ फट चुकी है। दो बारीक झिल्लियों से बनी यह थैली शिशु को गर्भाशय में सुरक्षित रखती है। हालांकि, ब्रायना को उस दिन दूसरा पेपर भी पूरा करना था।

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ऐसे में उन्होंने डॉक्टर से राय-मशविरा किया । इसके बाद प्रसव पीड़ा के बीच ही डेढ़ घंटे में दूसरा पेपर निपटाया। परीक्षा देते समय वह काफी बेचैन नजर आ रही थीं। उनकी आंखों से झर-झर आंसू बह रहे थे।

ब्रायना हिल के ‘सब्मिट’ बटन पर क्लिक करते ही उनके पति उन्हें अस्पताल लेकर दौड़े। पांच घंटे बाद उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया। ब्रायना ने बताया कि ‘लॉयोला यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून में स्नातक करना मेरा बचपन का सपना था। मैं नहीं चाहती थी कि गर्भावस्था के चलते मेरी परीक्षा छूटे। इसलिए मैं दर्द से कराहते हुए भी सवालों के जवाब देती रही। यह आसान नहीं था, लेकिन वकालत की दुनिया में नाम कमाने की चाह ने मुझे प्रसव पीड़ा सहने की हिम्मत दी। अब सोशल मीडिया पर ब्रायना की हिम्मत की जमकर तारीफ हो रही है।

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