नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को घटना के गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। साथ ही, अदालत ने ये भी निर्देश दिया कि गवाहों के बयान तेजी से दर्ज किए जाएं। कोर्ट ने यूपी सरकार से लखीमपुर हिंसा में पत्रकारों की हत्या की जांच पर जवाब दाखिल करने को भी कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, घटना के दौरान 4-5 हजार लोगों की भीड़ थी जो सभी स्थानीय लोग हैं और यहां तक कि घटना के बाद भी ज्यादातर आंदोलन करते रहे। हमें यही बताया गया है। फिर, इन लोगों की पहचान में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, लोगों ने कार और कार के अंदर मौजूद लोगों को देखा है।
यूपी सरकार ने रिपोर्ट जमा की
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा दिया। यूपी सरकार के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा, इसमें 68 में से 30 गवाहों के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कर लिए गए हैं। उनमें 23 चश्मदीद गवाह भी हैं। कुछ ही लोग दूसरे राज्य के थे। जो सबसे नजदीक थे, उनकी गवाही अहम है। मैं चाहता हूं कि कोर्ट कुछ गवाहों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान को देखे। साल्वे ने कहा कि, डिजिटल मीडिया पर मौजूद वीडियो के जरिए आगे की जांच की जा रही है। इस संबंध में साक्ष्य भी जुटाए जा रहे हैं।