Site icon News Ganj

CAA 2019 और NRC सवाल-जवाब के जरिये जानें किस पर पड़ेगा असर…

CAA 2019 और NRC

CAA 2019 और NRC

नई दिल्‍ली। नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्‍सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्‍ट्रीय राजधानी से लेकर कई राज्‍यों में सड़कों पर उतर आए हैं। कई राज्यों में जगह-जगह पथराव और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।

पुलिस लोगों को तितर-बितर करने और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज के साथ ही आंसू गैस का सहारा ले रही है। लोगों के सड़क पर उतरकर हंगामा करने के पीछे बड़ा कारण अपनी नागरिकता खतरे में नजर आना है। लोगों को लग रहा है कि पहले नेशनल रजिस्‍टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के जरिये उन्‍हें शरणार्थी बताया जाएगा। फिर नागरिकता कानून के जरिये मुसलमानों के अलावा बाकी सभी को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। सवाल-जवाब के जरिये जानते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 और नेशनल रजिस्‍टर ऑफ सिटिजंस क्‍या है? जानें किस पर इनका असर पड़ेगा।

सवाल- क्या भारतीय मुसलमानों को CAA+NRC के बारे में चिंता करनी चाहिए?

उत्तर: नहीं, किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को CAA या NRC के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।

सवाल- क्या NRC के तहत लोगों को धार्मिक आधार पर बहिष्कृत किया जाएगा?

उत्तर : नहीं, NRC का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। इसका आधार धर्म नहीं हो सकता और ना ही होगा। किसी धर्म को मानने की वजह से किसी को इससे बाहर नहीं किया जा सकता।

सवाल- नागरिकता का निर्णय कैसे होता है? क्या इसका निर्णय सरकार करेगी?

उत्तर: नागरिकता का निर्णय नागरिकता नियम, 2009 के आधार पर होगा, जिसका आधार नागरिकता अधिनियम, 1955 है। यह सूचना सर्वसुलभ (public domain) है। कोई भी व्‍यक्ति पांच आधार पर भारत का नागरिक हो सकता है।

I. जन्म से नागरिकता

II. वंशानुगत नागरिकता

III. पंजीकरण से नागरिकता

IV. नागरिक बनाकर (इस देश में जन्म नहीं लिया लेकिन जिसे नागरिकता दी गई)

V. भू-भाग के अधिग्रहण से

सवाल- जब NRC आएगा, तो क्या अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए मुझे अपने माता-पिता के जन्म से संबंधित विवरण देने होंगे?

उत्तर- आपके जन्म से संबंधित विवरण जैसे तिथि/माह और वर्ष और जन्मस्थान का विवरण इसके लिए पर्याप्त होगा। अगर ये आपके पास नहीं हैं, तो आपको अपने मां-बाप के जन्म से संबंधित विवरण देने होंगे लेकिन इस बारे में दस्तावेज़ (मां-बाप) आवश्यक रूप से देने की जरूरत नहीं होगी। जन्म तिथि और जन्म्स्थान से संबंधित कोई भी दस्तावेज़ देकर नागरिकता साबित की जा सकती है। कौन से दस्तावेज़ ज़रूरी होंगे इस बारे में अभी निर्णय नहीं लिया गया है. उम्मीद है कि मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, आधार, सरकार द्वारा जारी कोई भी लाइसेंस, बीमा के दस्तावेज़, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र (एसएलसी), ज़मीन और घर के दस्तावेज़ या ऐसे ही अन्य दस्तावेज़ इसमें शामिल होंगे। इस तरह के दस्तावेज़ों की सूची लंबी होने की उम्मीद है ताकि किसी भी भारतीय नागरिक को कोई परेशानी न हो।

सवाल- जब NRC लागू होगा तो क्या हमें यह बताना होगा कि हम इस देश में 1971 से पहले से रह रहे हैं?

जवाब- नहीं, आपको 1971 से पहले के अपने मां-बाप/पुरखों के पहचानपत्र, या जन्म प्रमाणपत्र पेश करने की ज़रूरत नहीं होगी। ऐसा सिर्फ़ असम में लागू हुए NRC के लिए ही किया गया था, जिसका ज़िक्र असम समझौते में था और जिसे सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में लागू किया गया था। देश के शेष भागों में NRC की प्रक्रिया पूरी तरह अलग होगी। यह नागरिकता (नागरिक पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचानपत्र जारी करने) नियम, 2003 के आधार पर होगा।

सवाल- अगर कोई व्यक्ति निरक्षर है और उसके पास कोई भी ज़रूरी दस्तावेज़ नहीं है तो क्या होगा?

उत्तर- उस स्थिति में, अधिकारी उसे गवाह लाने सहित अन्य तरह के सबूत/सामुदायिक सत्यापन आदि की अनुमति दे सकता है। इस बारे में उचित कार्यवाही की जाएगी। किसी भी भारतीय नागरिक को परेशानी में नहीं डाला जाएगा।

सवाल- क्या NRC ट्रांसजेंडर, धर्म को नहीं मानने वाले, आदिवासी, दलित, महिलाएं और भूमिहीनों को बाहर रखता है?

उत्तर: नहीं, NRC से इन लोगों को, जिनका ऊपर ज़िक्र किया गया है, कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

नागरिकता अधिनियम, 1955 की मुख्य बातें

I. जन्मजात नागरिकता

संविधान के अनुच्छेद-5 में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति 26 जनवरी, 1950 को भारत में रह रहा था और।

a.जिसका जन्म भारतीय भू-भाग में हुआ, या

b.या उसके मां या पिता में कोई एक भारतीय भू-भाग में पैदा हुआ, या

c. जो इसके शुरू होने के पहले कम से कम पांच साल से भारत में रह रहे थे

• ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसका जन्म भारत में 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद लेकिन 1 जुलाई, 1987 से पहले हुआ है, वह जन्मजात भारतीय नागरिक है।

• ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसका जन्म 1 जुलाई, 1987 और 3 दिसंबर, 2004 के बीच हुआ और इनके मां या पिता में कोई एक भारत का नागरिक है तो वह भारत का जन्मजात नागरिक है।

• कोई व्यक्ति जो 3 दिसंबर, 2004 को पैदा हुआ और जिसके माँ और पिता दोनों ही भारत के नागरिक हैं या इनमें से कोई एक उसके जन्म के समय ग़ैरक़ानूनी अप्रवासी नहीं हैं और दूसरा भारत के नागरिक हैं तो वह व्यक्ति भी भारत का जन्मजात नागरिक है।

I. वंशानुगत नागरिक

• एक व्यक्ति जो 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद, लेकिन 10 दिसंबर, 1992 के पहले भारत के बाहर पैदा हुआ हो तो वह वंशानुगत रूप से भारत का नागरिक होगा, अगर उसके जन्म के समय उसके पिता भारत के नागरिक थे।

• अगर कोई व्यक्ति 10 दिसंबर, 1992 को या उसके बाद लेकिन 3 दिसंबर, 2004 को भारत के बाहर पैदा हुआ, अगर उसके मां या पिता में से कोई उसके जन्म के समय भारत का नागरिक था तो वह भारत का नागरिक है। अगर कोई व्यक्ति जो 3 दिसंबर, 2004 के बाद भारत के बाहर पैदा हुआ वह उस स्थिति में भारत का नागरिक होगा अगर उसके मां या पिता में कोई एक भारतीय नागरिक हो और उसका जन्मदिन भारतीय दूतावास में पंजीकृत है।

I. पंजीकरण से नागरिकता

• भारतीय मूल के व्यक्ति जो पंजीकरण के लिए आवेदन करने से पहले सात साल के लिए भारत में सामान्य रूप से रह रहे थे, भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत होने के योग्य हैं।

• अविभाजित भारत के बाहर किसी भी देश या स्थान पर रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति भारत के नागरिक होंगे।

• एक व्यक्ति, जिसने भारत के नागरिक से शादी की है और पंजीकरण के लिए आवेदन करने से पहले सात साल के लिए भारत में सामान्य रूप से रह रहा है, तो वह भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत होने के योग्य है।

• ऐसे व्यक्ति जो भारत के नागरिक हैं, उनके नाबालिग़ बच्चे भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत होने के योग्य हैं।

• पूर्ण आयु और क्षमता का व्यक्ति, जिसके माता-पिता भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत हैं, वह भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत होने के योग्य है।

• पूर्ण आयु और क्षमता का व्यक्ति, जिसे भारत के विदेशी नागरिक के रूप में पांच साल के लिए पंजीकृत किया गया है और जो आवेदन करने से पहले 12 महीने से भारत में रह रहा है, वह भारत में नागरिक के रूप में पंजीकरण के योग्य है।

I. पंजीकरण से नागरिकता

• पूर्ण आयु और 12 वर्ष की निवास आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता वाला कोई भी व्यक्ति पंजीकरण के द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के योग्य है।

I. भू-भाग के अधिग्रहण से नागरिकता

• यदि कोई नया क्षेत्र भारत का हिस्सा बन जाता है, तो सरकार यह स्पष्ट कर सकती है कि इस क्षेत्र के कौन से लोग भारत के नागरिक होंगे। ऐसे व्यक्ति अधिसूचित तिथि से भारत के नागरिक बन जाते हैं। यह गोवा, दमन व दीव, सिक्किम और कई बांग्लादेशी परिक्षेत्रों के मामले में हुआ, जो 2014 में भारत का हिस्सा बने थे।

Exit mobile version