Site icon News Ganj

कितनों की मौत ऑक्सीजन न मिलने से हुई यह पता लगाने के लिए सरकार के पास सिस्टम नहीं- स्वास्थ्य विशेषज्ञ

ऑक्सीजन या फिर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से एक भी मौत न होने का दावा सरकार ने किया है, जिसके बाद से अलग अलग तर्क दिए जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे लेकर हैरान नहीं हैं क्योंकि इन्हें पहले से ऐसे जवाब की उम्मीद थी। डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने इस पर बड़े बयान दिए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है कि केंद्र और राज्य के पास सिस्टम ही नहीं है जिसके आधार पर बताएं कि दूसरी लहर में कितने लोगों की मौत ऑक्सीजन न मिलने अथवा भर्ती नहीं होने से हुईं?

डॉ. लहरिया ने कहा- जो अस्पताल के बाहर और घर पर मर गए उनकी कोई गिनती नहीं है, मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी नहीं लिखा गया कि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हुई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा- हम सभी ने उन दिनों का सामना किया है। ऑक्सीजन की कमी से मौत की पुष्टि करना जटिल है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि किसी भी बीमारी की मृत्युदर एक स्वास्थ्य सूचकांक (हेल्थ इंडिकेटर) होती है जिसके आधार पर उक्त जिला या राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं का आकलन किया जा सकता है।

योग के साथ कमाई भी कराएंगे बाबा रामदेव, पतंजलि का आईपीओ लॉन्च करने का काम जारी!

यह एक बड़ा कारण है जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि कोई भी राज्य अपने खराब प्रदर्शन को जगजाहिर नहीं करना चाहेगी। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार का जवाब तकनीकी तौर पर ठीक है, क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और वहां से जानकारी के आधार पर ही केंद्र सरकार रिपोर्ट तैयार करती है।

Exit mobile version