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खट्टर सरकार का दावा- ऑक्‍सीजन की कमी से नहीं हुई कोई मौत, विपक्ष का काम सिर्फ शोर मचाना

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज शुक्रवार को हुआ, इस दौरान सरकार हर उस मसले से भागी, जिसका जवाब उसके पास नहीं था। कोरोना से लेकर महंगाई और किसानों के मसले पर विपक्ष की ओर से लगाए गए ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव विधान सभा अध्‍यक्ष ने रद्द कर दिए। सदन में खट्टर सरकार ने कहा कि प्रदेश में कोविड से पीडि़त एक भी मरीज की ऑक्‍सीजन की कमी से मौत नहीं हुई है।

विपक्ष ने जब इस जवाब पर सवाल खड़े किए तो इस पर सफाई देने भी खुद मुख्‍यमंत्री खड़े हुए कहा कि इस विषय पर हम गंभीरता से काम कर रहे हैं। उल्‍टा विपक्ष पर ही सवाल उठाते हुए सीएम ने कहा कि “विपक्ष की तो कोई जिम्‍मेदारी होती नहीं है। सिवाय शोर मचाने के। “हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज शुक्रवार को उम्‍मीद के मुताबिक ही हंगामेदार हुआ। सरकार हर उस मसले से भागी, जिसका जवाब उसके पास नहीं था। कोरोना से लेकर महंगाई और किसानों के मसले पर विपक्ष की ओर से लगाए गए ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव विधान सभा अध्‍यक्ष ने रद्द कर दिए।

लेकिन सदन में खट्टर सरकार के एक बेशर्म और असंवेदनशीलता की पराकाष्‍ठा छूते एक बयान ने सभी को हतप्रद कर दिया। सरकार ने कहा कि प्रदेश में कोविड से पीडि़त एक भी मरीज की ऑक्‍सीजन की कमी से मौत नहीं हुई है। हालांकि, खुद मुख्‍यमंत्री ने इस बात को माना कि प्रदेश में ऑक्‍सीजन की कमी थी।

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हरियाणा सरकार इस रणनीति के साथ ही सदन में आई थी कि मुश्किल में डालने वाले किसी भी मसले का उसे जवाब नहीं देना है। उसने वही किया। ज्‍वलंत मसलों पर कांग्रेस विधायकों के करीब ढाई दर्जन ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍तावों को किसी तात्‍कालिक विषय से जुड़ा न होने का तर्क देते हुए विधान सभा अध्‍यक्ष ने अस्‍वीकार कर दिया। इन ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍तावों में दिल्‍ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों का मसला होने के साथ ही, पेपर लीक, पेट्रोल, डीजल और गैस के बढ़ते दाम और कोरोना से निबटने में सरकार की नाकामी जैसे विषय शामिल थे।

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