नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी ने श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा कर दी है। इसके कुछ घंटों के बाद ही श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन हो गया है। ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे। जिनमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे। हिंदू पक्ष के वकील के. परासरन को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही ट्रस्ट में अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को जगह दी गई है।
महंत दिनेंद्र दास को वोटिंग का अधिकार नहीं
पहले ऐसी खबर थी कि चार शंकराचार्यों को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन सरकार ने ट्रस्ट में एक प्रयागराज के ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज को शामिल किया है। साथ ही एक शंकराचार्य और हैं। ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी जगह दी गई है, लेकिन अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास को ट्रस्ट की मीटिंग में वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।
ये हैं 15 सदस्यों के नाम
1- के. परासरन- ट्रस्ट के अध्यक्ष
2- शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज- सदस्य
3- परमानंद जी महाराज हरिद्वार- सदस्य
4- स्वामी गोविंदगिरी जी पुणे- सदस्य
5- विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा- सदस्य
6- डॉ.अनिल मिश्रा होम्योपैथिक डॉ.अयोध्या- सदस्य
7- डॉ.कमलेश्वर चौपाल पटना- सदस्य
8- महंत धीनेद्र दास निर्मोही अखाड़ा- सदस्य
9- डीएम अयोध्या ट्रस्ट के संयोजक- सदस्य
ट्रस्ट में 6 नामित सदस्य भी होंगे, इनको बोर्ड ऑफ ट्रस्ट नामित करेगा।
इस ट्रस्ट में जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को भी शामिल किया गया है। राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किए जाने पर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या में जनता के पैसे से ही भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा है कि अब तक जनता से इकट्ठा किए गए 30 करोड़ से ज्यादा की धनराशि मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने पर खर्च हो चुकी है। जबकि एक करोड़ नौ हजार अभी भी राम जन्मभूमि न्यास के खाते में धनराशि बची है।