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जेएनयू हिंसा : वीसी बोले- हॉस्टल में रहने वाले अवैध छात्र हिंसा में हो सकते हैं शामिल

जेएनयू हिंसा

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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बीते पांच जनवरी की हिंसा के बाद पहली बार कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने शनिवार को छात्रों से मुलाकात की ।  इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते दिनों विश्वविद्यालय में हिंसा के बाद की सुरक्षा बढ़ाई गई है ताकि निर्दोष छात्र घायल न हों।

कुलपति ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि कुछ छात्र कार्यकर्ताओं द्वारा इतने हद तक आतंक फैलाया कि कुछ छात्रों को डर से हॉस्टल छोड़ देना पड़ा है। बीते कुछ दिनों में विश्वविद्यालय में हमने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई है। ताकि निर्दोष छात्रों को कोई चोट न पहुंचा सके।

वीसी ने यह भी कहा कि ये एक बड़ी समस्या है कि कई अवैध छात्र हॉस्टल में रह रहे हैं। वह बाहरी भी हो सकते हैं, वह किसी तरह की हिंसा में भी भाग ले सकते हैं, जिनका विश्वविद्यालय से कोई लेना-देना नहीं है।

जेएनयू में 13 जनवरी से शुरू होंगी कक्षाएं : कुलपति

कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि 13 जनवरी से विंटर सेमेस्टर के तहत कक्षाएं शुरू होंगी। जरूरत पड़ी तो विंटर सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन में आवेदन की तारीख बढ़ाई जाएगी। फिलहाल 12 जनवरी तक छात्र रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा 20 जनवरी तक लेट फीस के साथ रजिस्ट्रेशन कराने का मौका है। उन्होंने छात्रों से आंदोलन समाप्त कर कक्षाओं में लौटने की अपील की।

जेएनयू मुद्दे को सुलझाने के लिए शुक्रवार सुबह  उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे संग कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार और रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार की बैठक हुई। बैठक में विश्वविद्यालय में चल रहे आंदोलन को समाप्त करने और अकादमिक कलेंडर के तहत कक्षाएं शुरू करने पर चर्चा हुई।

उच्च शिक्षा सचिव ने कुलपति और रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि वे छात्रों से बात करें और दिक्कतों का मिल बैठकर समाधान करें। क्योंकि छात्र व शिक्षकों से बात करने पर ही समाधान निकलेगा। सरकार का निर्देश है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की पहली प्राथमिकता आंदोलन को समाप्त करना है। इसके लिए वे हरसंभव प्रयास करें।

कुलपति ने कहा कि बीते 11 दिसंबर को मंत्रालय में हुई बैठक में फैसला लिया गया था कि यूटिलिटी व सर्विस चार्ज अब छात्रों को नहीं देने होंगे। इस संबंध में बृहस्पतिवार को छात्रों को सूचना दे दी गई है। यूटिलिटी व सर्विस चार्ज का पैसा विश्वविद्यालय को यूजीसी देगा। इस संबंध में यूजीसी को पहले ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने पत्र लिख दिया था।

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