भाजपा उत्तर प्रदेश के अंदर ‘किसान सम्मेलन’ का आयोजन करने जा रही है। इस पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तंज कसा है।अखिलेश यादव ने कहा, ‘सुना है बातों की खेती करनेवाली भाजपा यूपी में ‘किसान सम्मेलन’ करेगी।’ किसान भाजपाइयों के बहकावे-फुसलावे में नहीं आनेवाले।उन्होंने लिखा- अन्नदाता का मतदाता बनने का समय जब निकट आया तब जाकर भाजपा को किसानों की याद आयी।
दरअसल, अगले साल उत्तर प्रदेश के अंदर विधानसभा चुनाव होने वाले है, इसी को लेकर बीजेपी की नजर रूठे हुए किसानों को मनाने पर है। बीजेपी 16 अगस्त से बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत कृषि कानून के फायदे और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए कामों के बारे में बताया जाएगा।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार सुबह एक ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि सुना है बातों की खेती करनेवाली भाजपा यूपी में ‘किसान सम्मेलन’ करेगी। अन्नदाता का मतदाता बनने का समय जब निकट आया तब जाकर भाजपा को किसानों की याद आयी। किसान भाजपाइयों के बहकावे-फुसलावे में नहीं आनेवाले। 2022 में किसान एकजुट होकर भाजपा के ख़िलाफ़ मतदान करेंगे।’
आपको बता दें कि पिछले 10 महीने से काफी वक्त से किसान अपनी मांगों को लेकर बीजेपी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। किसानों की नाराजगी को लेकर के विपक्ष भी सरकार पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, इसलिए भाजपा सरकार ने विधनसभा चुनावों से पहले किसान संपर्क यात्रा , संवाद बनाने की कोशिश और संबंध सुधारने की तरफ ज्यादा ध्यान देने की कवायद शुरू की है, ताकि यूपी की सत्ता फिर हासिल करने में कोई दिक्कत न हो।
अब किसानों को समझाने के लिये बीजेपी की तरफ से 16 से 23 अगस्त तक पूरे प्रदेश में सम्पर्क अभियान चलाया जायेगा. इस अभियान की जिम्मेदारी भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह को मिली है। अभियान के दौरान एक तरफ जहां किसानों को उनके लिए केंद्र और राज्य सरकार के काम बताए जाएंगे तो वहीं दूसरी ओर कृषि बिल के फायदे।
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किसानों से उनकी समस्याएं सुन समाधान का रास्ता भी निकाला जाएगा। इतना ही नहीं किसान मोर्चा जल्द ही गन्ने का मूल्य बढ़ाने, कोरोना काल को देखते हुए किसानों को ट्यूबवेल के बिल में राहत देने का भी प्रस्ताव देने की तैयारी में है। इसके अलावा बीजेपी आने वाले दिनों में किसानों की एक बड़ी बैठक करने वाली है. इसके बाद सितम्बर के पहले सप्ताह में मेरठ में किसानों का बड़ा सम्मेलन प्रस्तावित है।