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20.19 लाख से अधिक किसानों को दी गई खेती की नई तकनीक की जानकारी

Viksit Krishi Sankalp Abhiyan

Viksit Krishi Sankalp Abhiyan

लखनऊ: विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) का गुरुवार को समापन हो गया। प्रदेश के 75 जनपदों में 29 मई से प्रारंभ हुए अभियान के 15वें दिन तक 10125 स्थानों पर जनप्रतिनिधियों, कृषि वैज्ञानिकों, कृषि एवं सहवर्ती विभाग के अधिकारियों ने लगभग 2019785 से अधिक प्रगतिशील एवं जागरूक किसानों (Farmers) से संवाद स्थापित कर खेती में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की और इसके निवारण के लिए संभावित विकल्पों पर विचार-विमर्श किया।

दिल्ली के उपराज्यपाल ने किसानों (Farmers) के साथ लगाई चौपाल

बागपत के नीरपुड़ा में मुख्य अतिथि दिल्ली के उप राज्यपाल बीके सक्सेना रहे। विशिष्ट अतिथि बागपत के सांसद राजकुमार सांगवान रहे। उपराज्यपाल को कृषि विज्ञान केंद्र में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, फिर उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के गन्ना उत्कृष्टता केंद्र का निरीक्षण किया, फिर वैज्ञानिकों से कृषि तकनीकी के संबंध में जानकारी प्राप्त की। डॉक्टर विकास कुमार ने बताया कि गन्ने के साथ हम सरसों की गुलाब की अन्य फसली भी एक साथ कर सकते हैं, जिससे किसान (Farmers) की आय दोगुनी होगी। किसान की गन्ने की फसल में कीड़ा ना लगे, उसके बारे में भी जानकारी दी। उपराज्यपाल ने एफपीओ द्वारा तैयार किए गए सिरके का भी प्रोत्साहन किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र में पौधारोपण करके किसानों को अधिक से अधिक पौधे लगाए जाने के लिए प्रेरित किया। उपराज्यपाल ने कृषि विज्ञान केंद्र में डेढ़ साल पहले उद्यान विभाग द्वारा तैयार की गई सहजन की वाटिका की प्रशंसा की और उसके लाभों पर किसानों के साथ चौपाल लगाकर चर्चा की। उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं। प्रगतिशील किसानों को ट्रैक्टर की चाबी एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, फिर उनके ट्रैक्टर पर बैठकर किसान का मान बढ़ाया।

रोहिणी नक्षत्र में धान की रोपाई करना शुभः केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री

कृषि विज्ञान केन्द्र कल्लीपुर वाराणसी में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने किसानों की खुशहाली, समृद्धि के साथ खेती की लागत कम करने एवं उनकी आय को दोगुना करने का निर्देश वैज्ञानिकों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को खेतों में जाकर नवीनतम तकनीकी की जानकारी दी जाए और उनसे सीधा संवाद स्थापित किया जाए। उन्होंने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में धान की रोपाई करना शुभ माना जाता है। इस समय धान के पौधे की वृद्धि तेजी से होती है और फसल उत्पादन अधिक मिलता है। डॉ. संजय कुमार सिंह, उप महानिदेशक उद्यान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने अवगत कराया गया कि पूर्वी क्षेत्रों में विकसित कृषि संकल्प अभियान में अधिक से अधिक कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने अवगत कराया कि पंजाब की उत्पादकता की तुलना में उत्तर प्रदेश की उत्पादकता कम है। प्रदेश की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को खेत को समतलीकरण कर समय से बोवाई करते हुए उचित बीज दर का उपयोग कर उत्पादकता को बढ़ाने पर जोर दिया गया। बताया गया कि मृदा में जैविक पदार्थ की मात्रा लगातार घटती जा रही है, जिसे बढ़ाने के लिए हरी खाद वाली फसलें जैसे ढेचा, सनई इत्यादि की खेती कर मृदा की स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। कृषकों को फसलों की सिंचाई हेतु बौछारी एवं टपक विधि से सिंचाई करने से जल हानी को बचाया जा सकता है, इसके साथ ही खेती में मल्चिंग के प्रयोग से मृदा में नमी बनाए रखने के साथ-साथ खरपतवार उगने से रोकता है। कृषकों को खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करने से फसलों की पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौ. विवि कुमारगंज, अयोध्या के निदेशक (प्रसार) डॉ. राम बटुक सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

बाराबंकी में कृषि मंत्री ने दी किसान (Farmers) हितैषी योजनाओं की जानकारी

अभियान के अंतिम दिन कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बाराबंकी के ग्राम भवनियापुर खेवली विकास खंड बन्नीकोडर तहसील रामसनेहीघाट में किसानों से संवाद कर उन्हें नवीन कृषि तकनीकों, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना, आई.पी.एम. पद्धति, मल्चिंग एवं पॉलीहाउस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जा रहा है। किसान लाभ लेकर खेती को लाभकारी एवं उन्नत बना सकते हैं। उन्होंने कृषि विभाग की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र दिया और किसानों को आधुनिक व तकनीकी खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया। कृषि विभाग के अधिकारीयों व वैज्ञानिकों ने आधुनिक खेती करने का सुझाव दिया। किसानों को खरीफ फसल उत्पादन तकनीकी, डीएसआर विधि, उर्वरकों का संतुलित प्रयोग, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, मिलेट्स, प्राकृतिक खेती, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, पीएम कुसुम, एनएफएसएम योजना, कृषि यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित सभी फसलों की उत्पादन तकनीक व अन्य सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी।

किसानों (Farmers) ने ली नई जानकारी

ग्राम पंचायत बरई बिलासा विकासखंड चित्तौरा में जिला कृषि अधिकारी बहराइच, केवीके वैज्ञानिक डॉ. शैलेन्द्र सिंह व डॉ शैलजा, प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए सुधाकर शुक्ला, इफको प्रतिनिधि, पशु चिकित्सा अधिकारी, ग्राम प्रधान एवं न्याय पंचायत प्राविधिक सहायक उपस्थित रहे। जिला कृषि अधिकारी बहराइच ने किसानों को सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

कन्नौजः 135 ग्राम पंचायतों में किसानों (Farmers) को दी गई नई तकनीक की जानकारी

कन्नौज में अभियान के अंतर्गत 135 ग्राम पंचायतों में किसानों को नई तकनीक की जानकारी दी गई। जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने कहा कि अभियान का उदेश्य प्रयोगशाला से खेत तक लाभ पहुंचाना है। कृषि विभाग के अधिकारियों व वैज्ञानिकों ने आधुनिक खेती करने का सुझाव दिया और कृषि से संबंधित सरकार द्वारा चलाए गए विभिन्न योजनाओं के विषय में बताया। सभी ने पौधरोपण पर किसानों को खास फोकस करने के लिए कहा। किसानों को सभी फसलों की उत्पादन तकनीक व अन्य योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी।

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