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लखनऊ विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदला

Lucknow University

Lucknow University

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) यूपी और हमारे राष्ट्र के अग्रणी शिक्षा संस्थानों में से एक है। 100 साल के इतिहास से सुसज्जित विश्वविद्यालय में पिछले एक साल से अभूतपूर्व शैक्षणिक, प्रशासनिक और सामाजिक बदलाव आए हैं।

जहां कोरोना महामारी से पूरा विश्व थम गया था, वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) ने आपदा को अवसर में बदलते हुए सफलता के नए आयामों को प्राप्त किया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक रिफॉर्म, नए और समयोपयुक्त पाठ्यक्रमों की शुरुवात, प्रवेश प्रक्रिया में सुधार, डिजिटल रिफॉर्म, छात्र और प्रशासन के बीच की दूरियों को कम करने की दृष्टि से रिफॉर्म, और यहा तक कि पर्यावरण संबंधी और सामाजिक दायित्व को ध्यान मे रखते हुए भी रिफॉर्म को अंजाम दिया गया है।

देश मे नयी शिक्षा नीति के सभी पहलुओं को ध्यान मे रखकर अपने सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को छात्र केन्द्रित और वैश्विक शिक्षा केन्द्रित बनाने वाला लखनऊ विश्वविद्यालय देश का पहला शिक्षण संस्थान है। इसके लिए यूनीफ़ोर्म क्रेडिट, ग्लोबल एडुकेशन, इंट्रा-देपार्टमेंटल एडुकेशनल एक्स्चेंज आदि जैसे 10 बिन्दुओं के साथ चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को डिज़ाइन और इम्प्लेमेंट किया गया।

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विश्वविद्यालय के शिक्षकों के शिक्षा और शोध के क्षेत्र मे किए जा रहे अनमोल योगदान को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्ष प्रोत्साहन, उद्दीपन और एक्लेम जैसी योजनाओं की शुरुवात की गयी और उसके तहत 50 से अधिक शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया। छात्रों के लिए भी कर्मयोगी, संवर्धन, स्टूडेंट वेलफ़ैर फ़ंड, 60% से अधिक नंबर लाने वाले छात्रों के लिए 15 हज़ार रुपये की पुरस्कार योजना, स्टूडेंट OPD, TREE आदि शुरू की गयी।

विश्वविद्यालय को वैश्विक शिक्षा और नए अध्ययन क्षेत्रों में आगे बढ़े रहने के लिए नए योग और वैकल्पिक चिकित्सा संकाय, 14 नए डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम व इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड मलैक्युलर जेनेटिक्क्स एंड इन्फेक्षियस डिसिजेस की भी नीव रखी गयी।

कोरोना महामारी मे छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो और सुलभ बनी रहे, इसके लिए सम्पूर्ण डिजिटल रिफॉर्म किया गया। विश्वविद्यालय वैबसाइट पर ई-कंटैंट और विभागीय यूट्यूब चैनल पर क्लास अपलोड करने से लेकर छह महीने के अंदर अपना लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम SLATE विकसित करने तक, सम्पूर्ण विश्वविद्यालय परिवार ने मिलकर काम किया।

विश्व स्तर पर विश्वविद्यालय अपनी छवि बनाने में सफल रहा। स्पेन कि वेबोमेट्रिक्स रैंकिंग से लेकर सुप्रतिष्ठित टाइम्स हाइयर एडुकेशन वर्ल्ड यूनिवरसिटिज़ रैंकिंग में न केवल हमने जगह बनाई, बल्कि केवल छह महीनों में अपनी रैंकिंग में सुधार भी लाये।

विश्वविद्यालय ने एच-इंडेक्स में भी एक ही साल के अंदर अंदर छलांग लगाई है। सामाजिक दायित्व निभाते हुए विश्वविद्यालय ने महामारी के दौरान LUChem sanitiser, आयुर्वेदिक जोशांदा, मास्क बैंक आदि का निर्माण किया है और लगातार दो महीनों तक सबसे कठिन समय में 1400 से अधिक लोगों को रोज़ दो वक्त का खाना पहुंचाया है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय परिवार के समस्त सदस्यों का ध्यान रखने के लिए काउन्सेलिंग प्रोग्राम भी चलाये है।

विश्वविद्यालय पर्यावरण के प्रति भी जागरूक है। पिछले एक साल मे 36000 से ज्यादा पौधे अलग अलग उपलक्षों पर विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों के परिसरों मे लगाए गए हैं, विश्वविद्यालय परिसर मे 3 नए बगीचों का निर्माण किया गया है, ग्रीन ऑडिट का काम भी लगभग सम्पन्न हो चुका है, ओरगनिक फार्म की स्थापना की गयी है, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की भी स्थापना की गयी है और लखनऊ शहर का एकमात्र और सबसे पहला बायो डाइवर्सिटी इंडेक्स बनाया गया है।

विश्वविद्यालय में किसी भी तरह के लैंगिक असमानता या भेदभाव को मिटाने जेंडर-सेनसीटाईज़ेशन सेल और इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी का गठन किया गया। इन समस्त उपलब्धियों के अलावा भी ऐसे कई छोटे बड़े निर्णय लिए गए हैं जिससे विश्वविद्यालय परिवार के समस्त सदस्यों की कार्य नीति में एक आधुनिक, भेदभाव रहित और वैश्विक दृष्टि का संचार हो।

ऐसी स्थिति में जब विश्वविद्यालय अकादमिक क्षेत्र में विभिन्न उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो कुछ लोगों द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रावास में छात्राओं के परिधान संबंधी विवाद को अनावश्यक रूप से जन्म देना घोर निंदनीय है। विश्वविद्यालय की उभरती सकारात्मक छवि को धूमिल करने का निरर्थक प्रयास हैं।

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