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अवैध धर्मांतरण: UP ATS ने तीन और को किया गिरफ्तार

अवैध धर्मांतरण के मामले की जांच कर  रही यूपी एटीएस (UP ATS ) को सोमवार को एक और बड़ी सफलता मिली है। एटीएस (UP ATS ) ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। यूपी के एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने धर्मांतरण के तार खाड़ी देशों के अलावा कनाडा से भी जुड़ने का दावा किया।

एडीजी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों धर्मांतरण में लिप्त थे। एटीएस (UP ATS ) ने हरियाणा के गुरुग्राम से मन्नू यादव, बीड महाराष्ट्र से इरफान शेख और नई दिल्ली से राहुल भोला को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी मुख्य आरोपी मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद की गई है। बताया जा रहा है कि तीनों दबोचे गए आरोपी इनके ही गिरोह के हैं। कनेक्शन सामने आते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने लिंक खंगालने शुरू कर दिए हैं।

एटीएस की रिमांड के दौरान पता चला कि विदेशों से होने वाली फंडिंग के लिए उमर गौतम और उसके परिवार के लोगों के खातों का इस्तेमाल किया गया। इनके खाते में इस्लामिक देशों के साथ ही कनाडा से भी बड़ा फंड आता था। गिरोह के तार कनाडा से लेकर कतर तक फैले हैं। इसके साथ ही उमर के तार असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से जुड़े हैं। उमर गौतम को मरकाजुल मारिफ से भी रकम मिली है। इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खाते में 50 लाख रुपये पाए गए हैं।

कनाडियन युवक बिलाल फिलिप भी इस संस्था से जुड़ा है। वह इस्लामिक दवाह सेंटर, 2014 में गिरफ्तार भी हुआ था। एटीएस ने प्रदेश में 27 जिलों के एसपी को अवैध धर्मांतरण के मामले में पत्र लिखे हैं। इन शहरों में धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों का सत्यापन कराया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते सोमवार को हजार से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराने वाले उमर गौतम तथा जहांगीर फाकरी को पकड़ा था। दिल्ली के जामिया नगर से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इन पर हजार से अधिक मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने का आरोप है।

एडीजी ने बताया कि एटीएस के द्वारा उमर गौतम के इस्लामिक दवाह सेंटर में धर्मांतरित हुए व्यक्तियों का भी सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिए जिनमें प्रयागराज, बुलंदशहर, बिजनौर, कानपुर, मेरठ, मथुरा समेत 32 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर कार्रवाई की जा रही है। जो तथ्य प्राप्त होंगे उसमें पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान आगे की पूछताछ की जाएगी। इसके अतिरिक्त लखनऊ, गाजियाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, नोएडा, वाराणसी, आजमगढ़ और आगरा में एटीएस द्वारा खुद भी सत्यापन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रकाश में आया है कि अभियुक्त उमर गौतम के द्वारा अपने और अपने परिवार के व्यक्तिगत बैंक खातों का प्रयोग विदेशों से धन लेने के लिए किया गया है। यह फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट 2010 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उमर गौतम ने फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के खातों में आए धन को व्यक्तिगत रूप से उपयोग करने हेतु अपने परिवार के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया है। उसके द्वारा इस ट्रस्ट का आज तक न तो कोई आॅडिट कराया गया है न ही कोई इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया गया है।

धर्म गुरुओं की भूमिका पाई गई थी संदिग्ध

धर्मांतरण मामले में तीन धर्म गुरुओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। एटीएस अब तीनों धर्म गुरुओं की कुंडली खंगाल कर धर्मांतरण के रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटी हुई है। एटीएस की जांच पड़ताल में पता चला कि तीनों 2019 में एनआरसी व सीएए विरोधी दंगों को भड़काने में भी शामिल रहे थे। इनमें से एक धर्म गुरू जेल भेजे जा चुके मोहम्मद उमर गौतम के संपर्क में भी रहा था। मोहम्मद उमर इस धर्म गुरू को कई बार अपने साथ हलीम मुस्लिम कॉलेज लेकर गया था, जहां मूक बधिर छात्रों का ब्रेनवॉश किया जाता था। धर्मांतरण मामले में तीनों धर्म गुरुओं की भूमिका पता लगाने के लिए एटीएस उनके बीते आठ माह का डाटा खंगालने में जुटी है। सुरक्षा एजेंसियां इन धर्म गुरुओं की कॉल डिटेल रिपोर्ट, सोशल मीडिया एक्टिविटी के माध्यम से यह पता करने का प्रयास कर रही हैं कि धर्म गुरुओं की धर्मांतरण के संबंध में इनकी किससे बात होती थी। सोशल मीडिया पर उनकी तरफ से बीते आठ महीनों में की गई पोस्ट भी खंगाली जा रही है, जिससे उनकी भावनाओं का पता लग सकेगा। पूर्व में इन्हीं तीनों गुरुओं पर एनआरसी के विरोध में फंडिंग एकत्रित करने का भी आरोप लगा था।

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