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गृहणी प्रीति सिंह सोच और जज्बे आज बन चुकी हैं एक सफल बिजनेस वूमेन

बिजनेस वूमेन

बिजनेस वूमेन

नई दिल्ली। सोच और जज्बा हो आप हर कठिन लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं। इसी बात को सच साबित किया है मुंबई की एक गृहणी प्रीति सिंह ने। आज वह गृहणी होने का टैग हटाकर वह एक बिजनेस वूमेन बन चुकी हैं।

आज हम आपको बताते हैं कि प्रीति सिंह के बिजनेस की कैसे हुई थी शुरुआत? 

आज हम आपको बताते हैं कि प्रीति सिंह अपने बिजनेस की शुरुआत कैसे हुई थी। बता दें कि प्रीति उनकी कामवाली ने एक दिन बताया कि उनकी फटी एड़ियों में बहुत दर्द होता है। कामवाली ने कहा कि काफी कुछ आजमाने के बाद भी फायदा नहीं हुआ। तब प्रीति ने उनसे कहा कि मेरी मां घर में सरसों का तेल और मोम मिलाकर एक नुस्खा बताया था, इसे आजमाओ तो जरूर फायदा होगा। कामवाली ने यही नुस्खा अपना और उसको काफी राहत मिली है। तब प्रीति ने सोचा कि क्यों न इसी आइडिया पर कुछ काम शुरू किया जाए? प्रीति ने अपनी मां से अलग-अलग तेल और क्रीम बनाने के बारे में पूछा। आज वह अपने घर में ही डिटर्जेंट, हैंडवॉश, लिप बाम, फ्लोर क्लीनर्स, शैम्पू, कंडीशनर आदि की 30 से भी ज्यादा वैरायटी बना लेती हैं।

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मुंबई की गृहणी प्रीति सिंह को भी रोज-रोज कामवाली की चीजों की डिमांड करने पर आता था गुस्सा 

बता दें कि घर की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सैंकड़ों चीजों की जरूरत होती है। वक्त पर ये चीजें मिलती नहीं, तो बेहद गुस्सा आता है। मुंबई की गृहणी प्रीति सिंह को भी रोज-रोज कामवाली की चीजों की डिमांड करने पर गुस्सा आता था। किचन और होम क्लीनिंग में इस्तेमाल होने वाले इन प्रोडक्टस पर पैसा तो खर्च होता ही था, जरूरत के समय इनकी उपलब्धता न होने पर काम भी टल जाता था। इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रीति सिंह ने इसी से प्रेरणा लेकर इसी क्षेत्र में कुछ करने की ठानी और आज वो सफलतापूर्वक अपने काम को पूरा कर रही हैं। प्रीति ने बताया कि प्लास्टिक हमारी जीवन शैली में इस तरह रच-बस चुका है। मुंबई की रहने वाली प्रीति सिंह इसका एक बेहतरीन उदहारण बन चुका है। उन्होंने अपनी और अपने परिवार की आदतों को छोटे-छोटे बदलावों से प्लास्टिक मुक्त कर लिया है।

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