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परिवारों को टूटने से बचा सकता हैं हिंदू संस्कार – मोहन भागवत

आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक

आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक

कानपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतन में सिर्फ राष्ट्र और समाज नहीं बल्कि परिवार भी हैं। कानपुर प्रवास पर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने तीसरे दिन परिवारों के बिखराव पर चिंता जताई।इस दौरान उन्होंने कहा कि टूटते परिवारों को हिंदू संस्कार ही बचा सकते हैं।

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आपको बता दें कानपुर, काशी, अवध और गोरक्ष प्रांत के आयाम और गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर प्रवास पर आए हुए हैं। पनकी स्थित नारायणा कॉलेज में चल रही बैठकों में शुक्रवार को सरसंघचालक ने ‘कुटुंब प्रबोधन’ का विषय लिया। शुरुआत तो सामाजिक समरसता से ही की, फिर परिवारों पर आ गए। अलग-अलग जिलों के प्रबोधन प्रमुखों से पूछा कि जिलों में कितने परिवार सम्मेलन कराए।

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जानकारी के मुताबिक सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि समाज के दुर्बल और उपेक्षित वर्ग को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सामाजिक समरसता के माध्यम से खड़ा करने की आवश्यकता है। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने संघ के प्रारंभ से ही सेवा कार्यों को शुरू किया था।उन्होंने कहा कि द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की जन्म शताब्दी पर संघ ने हिंदू परिवारों से संपर्क कर आदर्श हिंदू परिवार पुस्तक भेंट की थी। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि आप हिंदू परिवारों को प्रेरित करें कि परिवार में रिश्तों का मान, संस्कार आदि रखें। परिवार में हिंदू संस्कार होंगे तो वह टूटेगा नहीं।

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