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गिरती इकोनॉमी के बीच सरकारी कंपनियां बेचना मानसिक दिवालियापन के संकेत – भाजपा सांसद

अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाले भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर सवाल उठाते हुए कहा- जब अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही हो तो सार्वजनिक उद्यम बेचना मानसिक दिवालियापन है। उन्होंने कहा- मोदी सरकार इससे इंकार नहीं कर सकती कि हर तीसरे महीने जीडीपी की ग्रोथ गिरती रही है, यह एक अच्छी स्थिति नहीं है।

एक यूजर ने पूछा फिर सरकार क्या करे, इसपर स्वामी ने कहा- उद्देश्यों, प्रथामिकताओं एवं संसाधन जुटाने के विवरण के आधार पर प्रासंगिक आर्थिक नीति लागू करें। एक अन्य यूजर ने लिखा- पिछले गर्वनर रघुराम राजन ने व्यवस्था को सही करने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

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उन्होंने कहा कि यदि पड़ोसी देश 1993 के समझौते के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर से वापस नहीं जाता है, जिस पर दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की थी, तो भारत को चीन के साथ युद्ध में उतर जाना चाहिए।आगे सलाह देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कि भारत को केवल बीजिंग के साथ सीमा विवाद को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए और हांगकांग, ताइवान और तिब्बत के बारे में बात करके पड़ोसी देश को उकसाना नहीं चाहिए।

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