नई दिल्ली। चंद्रयान- 2 मिशन लगातार अपने लक्ष्य की ओर है अब सफलता से मात्र एक कदम दूर है मून मिशन चंद्रयान-2 को नेतृत्व दो महिला वैज्ञानिक कर रही हैं। चंद्रयान-2 को संभव करने वाले स्टाफ में 30 प्रतिशत महिलाएं हैं। ऐसा पहली बार हुआ कि अंतरिक्ष मिशन की डोर महिलाओं के हाथ में दी गयी है।
ये भी पढ़ें :-दिन-दूनी रात चौगनी मेहत कर अपने विरोधियों को इस महिला ने चटाई धूल
आपको बता दें चंद्रयान-2 दुनिया का पहला ऐसा मिशन बन जाएगा जो चांद की दक्षिणी सतह पर उतरेगा। इनमें वनिथा मुथैया प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर काम कर रही हैं तो वहीं रितु करिढाल मिशन डायरेक्टर हैं। दोनों को 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है।
ये भी पढ़ें :-रेलवे स्टेशन पर गाना गाने वाली महिला रानू मंडल इस अभिनेता के घर करती थी साफ-सफाई
जानकारी के मुताबिक इससे पहले 2008 में चंद्रयान-1 और 2013 में मार्स ऑर्बिटर मिशन को अंजाम दिया गया था। यह भारत का तीसरा मिशन है। जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल मार्क 3 भारत में अब तक बना सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इसी से चंद्रयान-2 को चंद्रमा की कक्षा में लॉन्च किया गया था।