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Flashback 2019 : IAF के मिराज की बमबारी से सहमा पाक, बालाकोट में आतंकी कैंप ध्वस्त

बालाकोट एयरस्ट्राइक

बालाकोट एयरस्ट्राइक

नई दिल्ली। भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी 2019 को आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनकी कमर तोड़ दी है। पीओके और पाकिस्तान के आतंकी कैंपों पर भारतीय वायुसेना ने हवाई हमला किया और उसके सारे कैंपों को तबाह कर दिया है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 के 12 जेट ने पीओके और पाकिस्तान के बालाकोट में जाकर हवाई हमले किए।

बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम देने के लिए भारतीय वायुसेना ने 12 मिराज फाइटर जेट का सहारा लिया

वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई में न सिर्फ 300 आतंकवादी मारे जाने का दावा भारत की तरफ किया गया है, बल्कि इसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर भी मारा गया है जो यह कैंप चला रहा था। भारतीय वायुसेना ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 12 मिराज फाइटर जेट का सहारा लिया। इतना ही नहीं, करीब 1000 किलो बम भी बरसाए गए। बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

1971 के युद्ध के बाद भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा में 26 फरवरी, 2019 को  थी घुसी

भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तुनख़्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की। कहा जा रहा है कि इससे पहले 1971 के युद्ध में भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा में घुसी थी। 24 घंटे के भीतर ही पाकिस्तान ने 27 फ़रवरी को या तो एफ़-16 या जेएफ़-17 से एक भारतीय मिग-21 लड़ाकू विमान मार गिराया है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी एयरक्राफ़्ट नियंत्रण रेखा के पार भारत प्रशासित कश्मीर में घुस आए थे और बमबारी की थी। भारत ने ये भी दावा किया कि उसने पाकिस्तान के एफ़-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था।

26 फरवरी, 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भी भारत पाकिस्तान पर हमले के लिए पूरी तरह से था तैयार

रिटायरमेंट के बाद पहली बार भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ ने सार्वजनिक रूप से खुलकर कहा कि 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भी भारत पाकिस्तान पर हमले के लिए पूरी तरह से तैयार था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी एयरफोर्स ने जब भारत की सीमा में दखिल होने की कोशिश की। तो उसके बाद वह हमारे निशाने पर थे। हमने हमले की पूरी तैयारी कर ली थी।

बकौल धनोआ भारतीय वायुसेना के निशाने पर न सिर्फ एलओसी से सटे पाकिस्तानी ठिकानें थे बल्कि कई अन्य ठिकानें भी IAF के निशाने पर थे। यह बात बी. एस. धनोआ चंडीगढ़ में आयोजित मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में ‘अंडरस्टैंडिंग द मैसेज ऑफ बालाकोट’ कार्यक्रम में कही।

भारतीय वायुसेना के सामने केवल दो सवाल थे- इसका बदला कब और कहां लिया जाएगा?

धनोआ ने बताया कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को इसका अंदाजा था कि भारत इसका बदला लेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सामने केवल दो सवाल थे- इसका बदला कब और कहां लिया जाएगा? इसके बाद हमने फैसला लिया कि बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों को टारगेट बनाया जाएगा। क्योंकि पुलवामा हमले में इसी संगठन का हाथ था।

बालाकोट एयर स्ट्राइक का मतलब था सिर्फ पुलवामा हमले का जवाब देना

उन्होंने आगे बताया कि 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कर्रवाई की। सेना ने एयर स्ट्राइक में जैश के कुछ खास ठिकानों को टारगेट किया था। हालांकि एयर स्ट्राइक का मतलब यह नहीं था कि भारत पाकिस्तान से युद्ध चाहता है, उसका मकसद सिर्फ पुलवामा हमले का जवाब देना था।

धनोआ ने कहा कि बालाकोट हमले के बाद अगले दिन जब पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट हमारे सामने आए, तो हम उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाए। उनके इस हमले से हमें एक बड़ी सीख मिली कि सीमित युद्ध में तकनीक सबसे ज्यादा मायने रखती है।

भारतीय वायुसेना का प्लान-बी, शक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक स्ट्राइक मिसाइल का उपयोग करने का था विकल्प

बी. एस. धनोआ ने बताया कि एयर स्ट्राइक के अलावा प्लान-बी भी था। जिसमें हमारे पास शक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक स्ट्राइक मिसाइल का उपयोग करने का विकल्प था। हमारे निशाने पर पाकिस्तानी सेना नहीं थी। यह सबको मारने नहीं बल्कि उनके सभी मिशन खत्म करने के लिए था। उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद तीनों सेना प्रमुखों ने आश्वासन दिया था कि इसे आगे बढ़ाना चाहिए, हम इसके लिए तैयार हैं।

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