Site icon News Ganj

भारत की पहली हठीली और ईमानदार महिला IAS थीं अन्ना

लखनऊ डेस्क। आजादी के बाद भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी बहुत ही हठीली और ईमानदार महिला थी। वह सचिवालय में पद प्राप्त करने वाली भी पहली महिला थीं। इस प्रेरक, दृढ़ और हठीली ईमानदार महिला की एक प्रेरणादायक कहानी है। उनका जन्म जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था और तब उनका नाम अन्ना रजम जॉर्ज था।

ये भी पढ़ें :-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रचा इतिहास, बनीं आईसीसी की पहली महिला

आपको बता दें मल्होत्रा ने मुंबई बंदरगाह के जहाज परिवहन की समस्या का समाधान करने के लिए इसके नजदीक ही देश के पहले आधुनिक कम्प्यूटरीकृत बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) की स्थापना में योगदान दिया। केंद्र सरकार में डेपुटेशन के तहत उन्हें जेएनपीटी विकास कार्य की निगरानी का दायित्व मिला था। उनकी शादी आर. एन. मल्होत्रा से हुई थी जो 1985 से 1990 तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रहे थे. उन्हें मुंबई के नजदीक देश के आधुनिक बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) की स्थापना में योगदान के लिए जाना जाता है. वह जेएनपीटी की अध्यक्ष रहीं

ये भी पढ़ें :-दुनिया के सबसे मोटी महिला ने कम किया 214 किलो वजन, जानें कैसे 

जानकारी के मुताबिक जब यूपीएससी में उनका साक्षात्कार हुआ था, तो साक्षात्कार कर्ताओं ने उन्हें विदेश सेवा या सेंट्रल सेवा में जाने के लिए कहा था, क्योंकि ये सेवाएं महिलाओं के लिए उपयुक्त मानी जाती थीं। लेकिन अन्ना रजम मल्होत्रा ने सिविल सेवा में जाने का ही मन बना लिया था और वे उसी निर्णय पर कायम रहीं। इसीलिए उन्हें प्रेरक, दृढ़, हठीली व ईमानदार महिला कहा जाता है जो कि आजादी के बाद महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं।

Exit mobile version