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नारी सशक्तीकरण : ममता ने कर्ज लेकर ईरिक्शा खरीद गांव में बेचती हैं सब्जियां 

नारी सशक्तीकरण

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देहरादून। उत्तराखंड की एक महिला ने खुद के प्रयास से आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनकर नारी सशक्तीकरण की मिसाल पेश की है। जो दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती है। खदरी निवासी ममता मजदूरी कर किसी तरह अपना गुजर बसर करती थीं, लेकिन यह उसे रास नहीं आया और कर्ज पर ई-रिक्शा खरीदकर सब्जी की दुकान लगा ली। ममता के इस जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है।

ममता ने ठेली खरीदकर सब्जी बेचने का काम शुरू किया

ग्राम सभा खदरी वॉर्ड-5 (मोटा प्लॉट) में रहने वाली ममता पति धर्मवीर सिंह के साथ मजदूरी दिहाड़ी कर परिवार चला रही थी। इनके एक बेटा भी है। ममता के मुताबिक ठेकेदार मजदूरी देकर भगा दिया गया। इसके बाद खाने के लाले पड़ गए। इसके बाद ममता ने खुद कुछ करने की ठानी। ममता ने ठेली खरीदकर सब्जी बेचने का काम शुरू किया। इसी बीच उसने ई-रिक्शा के बारे में सुना कि उसमें पेट्रोल की जरूरत नहीं होती है।

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इसके बाद ममता ने किसी से दो प्रतिशत ब्याज पर 50 हजार का कर्ज लिया

इसके बाद ममता ने किसी से दो प्रतिशत ब्याज पर 50 हजार का कर्ज लिया । एक महीने में ममता के ई रिक्शा सीखा और जीवन यापन पटरी पर आ गया। ममता ने ईरिक्शा चलाना सीखा और खुद सब्जियां बेचने निकलने लगी। अब ममता ने पति को भी मजदूरी करने से मना कर दिया है।

धर्मवीर अब सब्जी बेचने में ममता की करता है मदद 

धर्मवीर अब सब्जी बेचने में ममता की मदद करता है। ममता ने कहा कि गांव के सोहनलाल रतूड़ी ने उसे बहुत प्रेरणा दी। ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल ने कहा कि ममता ने नारी सशक्तीकरण की मिसाल कायम की है। वॉर्ड सदस्य मीना कुकरेती ने ममता के जज्बे की सराहना की है।

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