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एक और ‘स्टेन स्वामी’! 6 साल से बंद है बुजुर्ग मजदूर नेता, खराब स्वास्थ्य के बावजूद नहीं मिल रही बेल

जेल में बंद आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत के बाद UAPA को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।केरल की एक जेल में बंद चाय मजदूरों के नेता एन के इब्राहिम 67 वर्षीय बुजुर्ग हैं जो साल 2015 से ही जेल में हैं। बेहद खराब स्वास्थ्य के बावजूद इब्राहिम को जमानत नहीं मिल पा रही है, उन्हें दो बार कार्डियक अरेस्ट हो चुका है। मसूड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे इब्राहिम के सारे दांत गिर चुके हैं, वे रोटी को भी पानी में भिगोकर खाते हैं, साथ में रोज 22 टैबलेट लेते हैं।

इब्राहिम पर आरोप है कि 2014 में उन्होंने एक सीनियर पुलिस अधिकारी के वायनाड स्थित घर हमले में शामिल थे। जानकारी के मुताबिक इब्राहिम चाय बागान मजदूरों के लिए लड़ते रहे थे, जिसके बाद वे कंपनियों के निशाने पर आ गए थे।

इब्राहिम पर आरोप है कि 24 अप्रैल 2014 को एक सीनियर पुलिस अधिकारी के वायनाड स्थित घर हमले में शामिल थे और अधिकारी की मोटरसाइकिल को आग लगा दी है। पुलिस ने इब्राहिम को माओवादियों का कुरियर बताते हुए 7 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। वहीं इब्राहिम की पत्नी जमीला बताती हैं कि घटना के दिन वह घटना स्थल वेल्लामुंडा से 64 किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव नेदुमपाला में थे। पत्नी के अनुसार इब्राहिम के माओवादियों से किसी भी प्रकार के संबंध नहीं हैं और सभी आरोप मनगढ़ंत हैं। बताते चलें कि इस घटना में सभी गवाह वेल्लामुंडा पुलिस स्टेशन के अधिकारी हैं।

जमीला, इब्राहिम की गिरफ्तारी के मामले को लेकर उस चाय कंपनी पर आरोप लगा रही है, जिसके लिए वह अपने पति के साथ काम किया करती थी। वह कहती हैं कि चाय कंपनी ने हमें 65 साल की उम्र होने से पहले कम मुनाफे और खराब वित्तीय हालात का हवाला देकर निकाल दिया था। कंपनी द्वारा निकाले जाने के बावजूद इब्राहिम चाय बागान मजदूरों के लिए लड़ते रहे थे और जिससे परेशान होकर चाय कंपनी ने उसे माओवादियों से जुड़ा बताकर फंसा दिया।

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