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दुधवा नेशनल पार्क यूपी इको टूरिज्म का नया हब बनने को तैयार

Dudhwa National Park

Dudhwa National Park

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड ने दुधवा नेशनल पार्क (Dudhwa National Park) और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। जिसमें दुधवा नेशनल पार्क तक सड़क, रेल और हवाई मार्ग के माध्यम से पर्यटकों की पहुंच को सुगम और सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया गया। इन प्रस्तावों का उद्देश्य न केवल प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करना है। राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद जल्द ही ये परियोजनाएं धरातल पर उतरी जाएगीं, जो सीएम योगी के विजन के अनुरूप यूपी इको टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

लखनऊ से लखीमपुर के बीच शुरू की गई एसी बस सेवा को पूरे इको पर्यटन सत्र तक जारी रखने का प्रस्ताव

दुधवा नेशनल पार्क (Dudhwa National Park) में सड़क मार्ग से पहुंच को सुगम बनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ से लखीमपुर के बीच पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई एसी बस सेवा को पूरे इको पर्यटन सत्र तक जारी रखने का प्रस्ताव रखा गया है। यह सेवा पर्यटकों को दुधवा नेशनल पार्क (Dudhwa National Park) तक आरामदायक यात्रा प्रदान करेगी। इसी क्रम में, पलिया-मैलानी और बिछिया को जोड़ने वाली नई बस सेवा शुरू करने का सुझाव भी रखा गया है। यूपीएसआरटीसी को भेजे जाने वाले इन प्रस्तावों से नेशनल पार्क के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यटन का विस्तार होगा। साथ ही रेलवे मार्ग से दुधवा नेशनल पार्क तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए दिल्ली से लखनऊ (मैलानी होते हुए) चलने वाली पुरानी ट्रेन को पुनः बहाल करने और इसमें एसी कोच जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है। यह कदम विदेश एवं दूरदराज के पर्यटकों के लिए विशष रूप से लाभदायक साबित होगा।

हिंडन से पलिया तक विमान सेवा शुरू करने का जल्द जारी होगी टेंडर

हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए हिंडन से पलिया तक विमान सेवा शुरू करने का टेंडर वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) मॉडल पर तैयार किया जा रहा है। पर्यटन विभाग और सिविल एविएशन के समन्वय से यह परियोजना चालायी जाएगी। पात्रता शर्तों में भारत में पंजीकृत कंपनी, 6 सीटों वाले सिंगल व ट्विन इंजन विमान की सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है। जिसके लिए निजी व चार्टेड विमान का संचालन करने वाली कंपनियों की सेवा ली जाएगी।बोर्ड की मंजूरी से यह सेवा पर्यटकों को समय की बचत देगी।

दुधवा नेशनल पार्क (Dudhwa National Park) तक 226 करोड़ रूपये की लागत से होगा सड़कों का चौड़ीकरण व निर्माण

दुधवा नेशनल पार्क (Dudhwa National Park) , लखीमपुर खीरी तक सड़क मार्ग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पीडब्ल्यूडी के माध्यम से 226.82 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का प्रस्तावित की गई हैं। इसके तहत लखनऊ से दुधवा तक चार लेन सड़क संपर्क सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न चेनेज पर चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य भी शामिल हैं। जिसमें 21.14 करोड़ रुपये की लागता से पलिया हवाई पट्टी का 3 मीटर से 10 मीटर चौड़ीकरण कार्य, किशनपुर रोड का 32.95 करोड़ रुपये की लागत से 5.7 किमी चौड़ीकरण, लखीमपुर-बिजुआ-भीरा-पलिया मार्ग पर 21.6 करोड़ रूपये की लागत से इंटरलॉकिंग और सिसईया-धौराहरा-पलिया रोड का 134.23 करोड़ रुपये की लागत से 38.35 किमी सुदृढ़ीकरण जैसे कार्यों का प्रस्ताव रखा गया है। इन प्रोजेक्टस के निर्माण से जहां एक ओर नेशनल पार्क आने वाले पर्यटकों की पहुंच सुगम होगी साथ ही आस-पास के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के लोगों की यातायात व्यवस्था एवं अर्थिक गतिविधियों में भी लाभप्रद साबित होगी।

विस्टाडोम कोच की यात्रा के अपग्रेडेशन के लिए 19.28 लाख रुपये स्वीकृत

नेशनल पार्क के क्षेत्र में साइनेज की कमी को दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 8 करोड़ रुपये की परियोजना प्रस्तावित है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप साइनेज स्थापित किए जाएंगे, जो पर्यटकों को दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे। इनकी सैंपल डिजाइन पहले से तैयार हैं, जिन्हें अनुमोदन के पश्चात शीघ्र ही पार्क में लगाया जाना है। इनके अलावा, अनुभवात्मक पर्यटन पर फोकस करते हुए 82 क्षमता वाले विस्टाडोम कोच की यात्रा के अपग्रेडेशन के लिए 19.28 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।

कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य में गेरुआ नदी पर वर्तमान दो बोट के अलावा दो अतिरिक्त बोट सफारी शुरू करने का प्रस्ताव है, जो इको बोर्ड द्वारा संचालित होंगी। ये प्रस्ताव न केवल दुधवा नेशनल पार्क को को पर्यटन हब बनाएंगे, बल्कि स्थानीय निवासियों एवं क्षेत्र में रहने वाले जनजातिय समुदायों के युवाओं को रोजगार के नये मौके देंगे। साथ ही पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन परियोजनाओं के सफल क्रियांवयन से नेशनल पार्क में आने वाले वार्षिक पर्यटक संख्या में 30 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है, जो उत्तर प्रदेश को इको टूरिज्म में अग्रणी राज्य बनाएंगी।

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