Site icon News Ganj

जोशीमठ में 1970 के दशक से भू-धसाव

CM Dhami

CM Dhami

देहरादून। धामी सरकार (Dhami Government) जोशीमठ शहर में हो रहे भू-धसाव व भू-स्खलन को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री ने परिवारों को चिन्हित करने और सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास के लिए प्रस्ताव तैयार के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए हैं।

सोमवार को सचिवालय परिसर स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) की ओर से जोशीमठ में भू-धसाव व भू-स्खलन को लेकर आपदा प्रबन्धन विभाग की जा रही कार्यवाही की अपने समीक्षा की गई। इस दौरान बताया गया कि जोशीमठ शहर मुख्यतः पुराने भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर बसा है। इस प्रकार के क्षेत्रों में जल निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने की स्थिति में जमीन में अन्दर जाने वाले पानी के साथ मिट्टी व अन्य के पानी के साथ बह जाने के कारण कई बार भू- धसावं की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि जोशीमठ शहर में 1970 के दशक से हल्का भू-धसांव हो रहा है। फरवरी-2021 में धौलीगंगा में आई बाढ़ के कारण अलकनन्दा के तट के कटाव के उपरान्त से इस समस्या ने गम्भीर स्वरूप ले लिया है। उक्त भूधसाव व भू-स्खलन का अध्ययन कर करणों का पता लगाने और उपचार के लिए संस्तुति करने के उद्देश्य से आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग की ओर से जुलाई 2022 में एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया था।

दल में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अतिरिक्त भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान,रूड़की,केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग, देहरादून तथा वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, देहरादून के वैज्ञानिक शामिल थें।

उक्त विशेषज्ञ दल अगस्त 16 से 20, 2022 के मध्य क्षेत्र का सर्वेक्षण कर अपनी आख्या उपलब्ध करावा दी गई है और उनके संस्तुतियों में, वर्षा व घरों से निकलने वाले पानी के निस्तारण की व्यवस्था, अलकनन्दा नदी के कटाव को नियंत्रित करने के लिये तट बंध की व्यवस्था, जोशीमठ शहर से होकर बहने वाले नालों का सुदृढीकरण / चैनेलाईजेशन और क्षेत्र की कैरिंगिंग कैपेसिटी के अनुरूप निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने के लिए प्रमुख बिंदु शामिल है।

सीएम धामी ने की घोषणा, जीजीआईसी कौलागढ़ का नाम होगा हरबंस कपूर

मुख्यमंत्री (CM Dhami)  को उक्त विशेषज्ञ समिति की गई संस्तुतियों पर कार्यवाही के लिए सचिव, आपदा प्रबन्धन एंव पुनर्वास विभाग की अध्यक्षता में 11 जुलाई 2022 को एक बैठक में सभी उपयो पर कार्यवाही के लिए सिचाई विभाग को निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में सिंचाई विभाग की ओर से जोशीमठ शहर के स्थिरीकरण के लिए विस्तृत प्रस्ताव बनाने के लिए आमंत्रित किया गया। ईओआई के सापेक्ष प्राप्त 06 फर्मों के प्रस्तावों में से दिनांक 31 दिसंबर 2022 को 04 फर्मों को आरएफपी बनाने के लिए अधिकृत किया गया है और इन फर्मों की ओर से उपलब्ध कराए गए तकनीकी प्रस्तावों पर 20 जनवरी को निर्णय लेकर फर्म का चयन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) की ओर से कहा गया है कि आवश्यकता होने पर अस्थाई सुरक्षा कार्य को किया जाए। साथ ही क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण कर भू-धसावं व भू-स्खलन के कारण असुरक्षित परिवारों को चिन्हित कर इनके सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए।

बैठक में मुख्य सचिव, अपर सचिव,आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग डॉ.आनन्द श्रीवास्ताव उपस्थित थे।

Exit mobile version