Site icon News Ganj

देसी घी से मक्खन से ज्यादा फायदेमंद, मोटापा से दिलाएगा निजात

देसी घी

देसी घी

नई दिल्ली। दूध-दही से बने खाद्य पदार्थ लंबे समय से हमारे पारंपरिक खानपान का हिस्सा रहे हैं। इनसे बने घी और मक्खन के बिना कोई भी पारंपरिक पकवान अधूरा माना जाता था, लेकिन बदलती जीवनशैली के चलते इन उत्पादों के प्रति लोगों की धारणा में काफी परिवर्तन आया है।

वर्तमान समय में फास्ट फ़ूड खाने वाली जेनेरेशन जब घी से बनी चीजों को खाने की बात आती है तो नाक-भौं सिकोड़ते देर नहीं लगती। इसकी जगह अधिकतर लोग मक्खन का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर समझते हैं। लोगों का मानना है कि खाने में देसी घी की सेवन से वजन बढ़ता है, लेकिन ये हकीकत नहीं है।

आइए बतातें हैं इस बारे में सच क्या है?

सेहत के लिहाज से बटर से ज्यादा देसी घी का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद होता है। इस सिलसिले में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) का शोध सामने आया है। शोध के मुताबिक, गाय का घी बॉडी में उन एंजाइम्स को बनाता है जिससे कि कैंसर को बढ़ाने वाला वायरस निष्क्रिय हो जाता है।

देसी घी के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम, कैंसर और एलर्जी से भी मिल सकता है छुटकारा 

देसी घी के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम, कैंसर और एलर्जी से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके साथ ही ये शरीर की इम्युनिटी पॉवर को भी बढ़ाता है। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है और वजन भी नियंत्रित रहता है। शोध में इसे एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल और एंटी-बायोटिक से भी भरपूर बताया गया है।

देसी घी के सेवन से कैलोरी, फैट और कोलेस्ट्रोल भी नियंत्रित रहता है। एक चम्मच बटर में 11 ग्राम वसा और 100 कैलोरी होती है, जबकि एक चम्मच देसी घी में 13 ग्राम वसा और 117 कैलोरी पाया जाता है। बॉडी बटर को तेजी से पचा नहीं पाती, जबकि देसी घी को पचाने में वक्त नहीं लगता है।

Exit mobile version