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दिल्ली : मैक्स हॉस्पिटल ने कोरोना मरीज को थमाया 1 करोड़ 80 लाख का बिल

कोरोना संकट के बीच अस्पतालों की मनमानी के तमाम मामले सामने आए, जिससे लोगों को परेशानियां हुई, अब दिल्ली से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में एक कोरोना मरीज को 1 करोड़ 60 लाख रुपए का बिल पकड़ा दिया, जिससे हंगामा हो गया। परिजन बिल लेकर AAP विधायक सोमनाथ भारती के पास पहुंचे, विधायक अस्पताल पहुंचे और पूछा- शरीर में ऐसा क्या लगाया जो इतना पैसा बना दिया। सोमनाथ ने कहा- अस्पताल का रिस्पांस सही नहीं था, हॉस्पिटल ने कहा- जान बचा ली है क्या यह बड़ी बात नहीं है, ऐसे में हमने कहा- जो मर गए क्या उसके लिए आप जिम्मेदार हो?

विधायक ने कहा- अस्पताल को समझना चाहिए कि वह मेडिकल सर्विस है न कि बिजनेस सर्विस, मैक्स डेड बॉडी भी बिना पैसे के नहीं देता, रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल जरूरी हो गया है। विधायक सोमनाथ भारती ने बताया कि उनके पास कुछ दिन पहले एक महिला आई थी जिनके पति कोरोना संक्रमित होने के बाद 28 अप्रैल को साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती हुए थे। उस दौरान दूसरी लहर के चलते अस्पतालों में बिस्तर पाना भी काफी मुश्किल था। उन्होंने बताया कि महिला ने जब एक करोड़ 80 लाख रुपये का बिल उन्हें दिखाया तो वे दंग रह गए।

जब उन्होंने इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बात की तो पता चला कि अस्पताल ने मरीज को कई दिन तक एक्मो थैरेपी दी थी। इसके बाद विधायक भारती ने ट्वीट कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। इससे यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गया है। विधायक ने कहा कि सरकार को तत्काल मरीज के बिल का आडिट कराना चाहिए। साथ ही यह भी देखना होगा कि कोविड-19 के तहत सरकार ने जो मूल्य निर्धारण किया था उसका सही पालन हुआ या नहीं। आइसीयू से लेकर वेंटिलेटर तक के अधिकतम शुल्क सरकार ने निर्धारित किए थे।

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मैक्स अस्पताल साकेत का कहना है कि 51 वर्षीय मरीज गंभीर रुप से बीमार थे। उन्हें 28 अप्रैल को आपातकालीन वार्ड में लाया गया। साथ ही 10 मई से लगभग 75 दिन तक एक्मो थैरेपी दी गई। उन्हें मधुमेह, रक्तचाप सहित कई बीमारियां थीं। 23 जुलाई को एक्मो हटाने के बाद भी मरीज 16 अगस्त तक आइसीयू में रहा। अस्पताल में चार महीने 15 दिन रहने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई। अस्पताल ने कहा कि एक्मो अत्याधुनिक तकनीक है जो कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है। मरीज और उनके परिजन उपचार को लेकर संतुष्ट थे और उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई, जबकि विधायक सोमनाथ भारती का कहना है कि परिजन काफी डरे हुए हैं इसलिए वह कुछ भी कहने से घबरा रहे हैं।

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