नई दिल्ली। दीपा मलिक राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला पैरा-एथलीट बनी हैं। केंद्र सरकार ने दीपा को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड देने का फैसला किया है। इसी के साथ दीपा इस अवॉर्ड को हासिल करने वाली दूसरी पैरा-एथलीट बनीं हैं।
दीपा ने रियो पैरालम्पिक-2016 में शॉट पुट (गोलाफेंक) में रजत पदक हासिल किया
बता दें कि दीपा ने रियो पैरालम्पिक-2016 में शॉट पुट (गोलाफेंक) में रजत पदक हासिल किया था। इसके अलावा वह एशियाई खेलों में भालाफेंक और शॉटपुट में कांस्य जीत चुकी हैं। दीपा सर्वोच्च खेल सम्मान पाने वाली देश की दूसरी पैरा एथलीट हैं। इससे पहले भाला फेंक एथलीट देवेंद झाझरिया को 2017 में इस सम्मान से नवाजा गया था। दीपा के अलावा भारत के दिग्गज पुरुष पहलवान बजरंग पुनिया को भी खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा जाएगा।
दीपा मलिक ने यह सम्मान अपने पिता बाल कृष्णा नागपाल को समर्पित किया
इस साल का खेल रत्न जीतने वाली पहली महिला पैरा-एथलीट दीपा मलिक ने यह सम्मान अपने पिता बाल कृष्णा नागपाल को समर्पित किया है। मैंने उन्हें पिछले साल खो दिया। आज वह होते तो मुझे सर्वोच्च खेल सम्मान से सम्मानित होते हुए देखकर बहुत खुश होते। उनका अगला लक्ष्य 2022 में बर्मिंघम में होने वाला राष्ट्रमंडल खेल और इसी साल चीन के हांगजोउ में होने वाला एशियाई खेल है। इसके साथ ही कहा है कि उनका यह सम्मान सही मायने में ‘सबका साथ-सबका विकास’ है।
उनका यह सम्मान सही मायने में ‘सबका साथ-सबका विकास’ ,ज्यूरी सदस्यों और खेल जगत की शुक्रगुजार
दीपा ने कहा कि मैं ज्यूरी सदस्यों और खेल जगत की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने पैरा-एथलीटों की मेहनत, उनके द्वारा जीते गए पदकों का सम्मान किया। यह पूरे पैरा-मूवमेंट के लिए मनोबल बढ़ाने वाली बात है। यह अवॉर्ड टोक्यो पैरालम्पिक से पहले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति ने दीपा को सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी का खिताब दिया है, जिसे लेने वह अक्टूबर में जर्मनी में होने वाले समारोह में जाएंगी।