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पहली दफा भाजपा के समारोह में सम्मिलित हुए पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र

CS Upadhyay

CS Upadhyay

लखनऊ। भाजपा से एक निश्चित-दूरी बनाए रखने वाले पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र एवं प्रख्यात न्यायविद् चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS Upadhyay) आज पार्टी के एक भव्य-आयोजन में अपने अन्य परिजनों के साथ शामिल हुए। उनके साथ उनके परिजन महेन्द्र जोशी,रविन्द्र जोशी व हिमांशु भी थे, जहां मंच पर प्रधानमंत्री मोदी. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह. सीएम योगी व आनन्दीबेन पटेल मौजूद रहे जबकि चन्द्रशेखर (CS Upadhyay) मंच के ठीक सामने हजारों कार्यकतार्ओं के बीच।

मौका था लखनऊ में नवनिर्मित ‘राष्ट्र प्रेरणा-स्थल’ के लोकार्पण का..विशाल ‘राष्ट्र प्रेरणा-स्थल’ में श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय एवं अटलबिहारी वाजपेई की 65 फीट ऊंची प्रतिमाएं स्थापित की गयी हैं। तीनों द्वारा अपने जीवनकाल में प्रयुक्त की गई रोजमर्रा की वस्तुओं को वहाँ अलग-अलग बनाए गए संग्रहालय में रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज संग्रहालय का भी विधिवत उद्घाटन कर उसे राष्ट्र को सौंपा।

उत्तर-प्रदेश सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार के आला-अधिकारियों ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र (CS Upadhyay) से सम्पर्क साधा था और उनसे पण्डित दीनदयाल द्वारा अपने जीवनकाल में प्रयुक्त की गई तमाम वस्तुओं को सरकार को सौंपने का आग्रह किया था, जो उनके परिजनों द्वारा वर्षों से संरक्षित व संरक्षित रखी गईं थीं।

उत्तराखण्ड शासन में प्रमुख-सचिव स्तर के अधिकारी चन्द्रशेखर ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के बर्तन. दो चश्में. खुल्हड़, सूटकेस. पटिया. परिजनों को नेग में दिए गए सिक्के.मेज-कुर्सियां, अलमारी,घड़ी, पेन, उनके पिता व संघ के प्रचारक तथा भारतीय-जनसंघ के सबसे कम आयु के मंत्री रहे प्रोफेसर के.सी.उपाध्याय एडवोकेट को लिखा पत्र योगी सरकार को सौंप दिया।

बताते चलें कि उनके युवा-पिता को आपातकाल में मीसा-बन्दी के दौरान जेल में धीमा-जहर दिया गया था जो अल्पायु में उनकी मृत्यु का कारण बना। इसके अलावा चन्द्रशेखर ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा भारतीय-जनसंघ के नेताओं को लिखे कुछ पत्र उनके कुछ आलेख व पुस्तकें भी योगी-सरकार को सौंपी।

पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र एवम् प्रख्यात न्यायविद् चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS Upadhyay) ने कहा कि यह अतीव आनन्द का विषय है कि मेरे जिन बप्पा दादाजी एवं उनकी संस्था का नाम तक लेने से सरकारें और उनके मुलाजिम कांपते थे। आज सरकारें और उमके नौकरशाह उनके भव्य स्मारक बना रहे हैं। जीवनकाल में प्रयुक्त की गई रोजमर्रा की उनकी वस्तुओं को संग्रहालय में रखा जा रहा है।

उनकी आदमकद प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। मेरे परिवार द्वारा वर्षों से संरक्षित व सुरक्षित रखी गईं उनकी अनेक धरोहरों को मैंनै योगी आदित्यनाथसरकार को सौंप दिया है। इससे पहले भी भाऊदेवरस. नाना जी देशमुख,..रज्जू भैय्या..राजेन्द्र गुप्ता दादू..रामप्रकाश गुप्ता दादू व कल्याण सिंह समेत कुछ अन्य लोग भी उनकी निशानियों को हमारे परिवार से ले जाते रहे हैं। उनको देश के विविध-स्थानों पर रखा गया है लेकिन यह पहली बार है कि लखनऊ में नवनिर्मित ‘राष्ट्र प्रेरणा-स्थल’ पर बने संग्रहालय में हमारे परिवार का उल्लेख किया गया है।

ताऊजी पं. राजेश्वर दयाल उपाध्याय का चित्र है। उनका उल्लेख है। मेरे समेत अन्य परिजनों का उल्लेख है। उनके चित्र हैं। मात्र यह सम्मान देने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजनीतिक-संस्था ने इतने दशक गंवा दिए।

इस सम्मान के लिए नरेंद्र मोदी, .राजनाथ,  आनन्दी बेन, योगी आदित्यनाथ समेत उनके अधिकारियों का बहुत-बहुत साधुवाद एवं आभार।

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