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कोविड और किसान: 2 बड़ी चुनौतियों पर मोदी सरकार ने लिए फैसले

केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पहली कैबिनेट बैठक संपन्न हो गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रही इस बैठक में किसानों को फायदा पहुंचाने का फैसला किया गया। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि कैबिनेट ने फैसला लिया है कि मंडियों के जरिए किसानों तक एक लाख करोड़ रुपये पहुंचाए जाएंगे।

तोमर ने बताया कि किसान समूहों को दो करोड़ रुपये का ऋण मिलेगा। मंडियां इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का इस्तेमाल कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि फैसला लिया गया है कि एक लाख करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल एपीएमसी कर सकेंगी। एपीएमसी (कृषि उत्पाद बाजार समिति) मंडियों को मजबूत किया जाएगा और संसाधन प्रदान किए जाएंगे।

कृषि मंत्री तोमर ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार ने जो कहा है वह कर रही है। उन्होंने कहा कि एपीएमसी खत्म नहीं होगी बल्कि और मजबूत होगी। कृषि कानूनों के लागू होने के बाद उन्हें केंद्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड से करोड़ों रुपये मिलेंगे।

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हेल्थ इमरजेंसी (स्वास्थ्य आपातकाल) के लिए 23 हजार करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी। कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेसवार्ता में मौजूद रहे नए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।

मांडविया ने कहा कि इस पैकेज को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पैकेज बताया। उन्होंने कहा कि इसमें 15 करोड़ केंद्र देगा और आठ करोड़ राज्य। इसके अलावा 736 जिलों में पीसीयू बनाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने में मेडिकल के अंतिम वर्ष के छात्रों की मदद ली जाएगी।

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