Site icon News Ganj

कोरोना की तीसरी लहर पर 2 बड़े वैज्ञानिकों की अलग अलग राय

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर देश के दो बड़े संस्थानों के वैज्ञानिक बंट गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर समीरन पांडा ने दावा किया है कि अगले तीन हफ्तों में यानी अगस्त के अंत तक देश में कोरोना की तीसरी लहर आ जाएगी। अनुमान लगाया कि उस दौरान हर रोज एक लाख संक्रमित मिलेंगे। यही नहीं उन्होंने कहा कि अगर वायरस का स्वरूप बदला तो स्थिति बहुत खराब होगी।

उधर, IIT कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने इससे उलट बयान दिया है। उन्होंने तीसरी लहर के खतरनाक होने की आशंका को खारिज किया है। उनका दावा है कि भारत हर्ड इम्यूनिटी के नजदीक है। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है। अगर तीसरी लहर आती भी है तो वह दूसरी लहर जैसी भयानक नहीं होगी।

ठाणे में लैंडस्लाइड के बाद मलबा घर पर गिरा, 3 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत

ICMR के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर समीरन पांडा ने आशंका जताई है कि भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर अगस्त के अंत तक आएगी। इस दौरान हर दिन लगभग 1 लाख केस आएंगे। अगर वायरस में आगे बदलाव नहीं हुआ तो तीसरी लहर पहली लहर जैसी ही होगी। अगर वायरस ने रूप बदला तो स्थिति बेहद खराब हो सकती है। प्रोफेसर पांडा का मानना ​​​​है कि कम टीकाकरण दर और लॉकडाउन में छूट के कारण कोरोना केस में तेजी से वृद्धि हो सकती है। तीसरी लहर का खतरा भांपने के लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन और ICMR ने गणितीय मॉडल का सहारा लिया है।

Exit mobile version