मॉस्को। कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है। कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया को पहली वैक्सीन देने वाले रूस में फिर से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यहां हर दिन रिकॉर्ड संख्या में नए केस आ रहे हैं। रूस में पिछले 24 घंटे में 40 हजार 096 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस बीच 1,159 लोगों ने दम तोड़ दिया। ऐसे में राजधानी मॉस्को में 11 दिन तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। सभी गैर जरूरी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि यूरोप में इस समय सबसे अधिक नए केस रूस में ही आ रहे हैं। रूस ने भले ही सबसे पहले स्पूतनिक वी और अन्य टीके बना लिए, लेकिन यहां वैक्सीनेशन की दर काफी कम है। हाल के सप्ताह में जिस तेजी से यहां संक्रमण फैल रहा है वह महामारी की शुरुआत के बाद से सर्वाधिक है।
सरकार ने दूसरे देशों की तरह सख्त लॉकडाउन का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन मॉस्कों में गुरुवार से 7 नवंबर तक सभी गैर-जरूरी सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। रिटेल दुकानें, रेस्ट्रॉन्ट के साथ ही खेल और मनोरंजन के स्थानों को बंद कर दिया गया है। स्कूलों पर भी ताले लटक गए हैं। खाने-पीने की चीजों की दुकानों के साथ दवा और जरूरी सेवाओं से जुड़ी दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है।
ब्रिटेन में सबसे ज्यादा केस मिले
वहीं, जर्मनी-ब्रिटेन समेत पूरे पश्चिमी यूरोप में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं। पश्चिमी यरोप में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले ब्रिटेन में दर्ज किए जा रहे हैं और कोविड मरीजों की मौत में बढ़ोतरी दर्ज की है। इसलिए ब्रिटेन में प्रतिबंधों को दोबारा लगाए जाने की मांग होने लगी है, ताकि लॉकडाउन से बचा जा सके।
जर्मनी में पिछले पांच महीनों का रिकॉर्ड टूटा
जर्मनी में भी संक्रमण ने पिछले पांच महीनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जर्मनी में प्रति एक लाख लोगों पर कोरोना के 100 नए मामले दर्ज किया गए जो मई के बाद से सबसे ज्यादा है। कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित देशों में बेल्जियम और आयरलैंड भी शामिल हैं। ईसीडीसी के मुताबिक बेल्जियम में 10 हजार लोगों पर 325.76 संक्रमित मिले हैं, जबकि आयरलैंड में यह आंकड़ा 432.84 फीसदी है। बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वांडरब्रुक ने भी माना है कि उनका देश कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रहा है।