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बलिया के सीएमओ ने निर्भया के दादा से किया सवाल- कौन है निर्भया, क्यूं गई दिल्ली?

कौन है निर्भया?

कौन है निर्भया?

बलिया। निर्भया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों और बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीण धरने पर बैठे थे। इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी समस्या का उचित समाधान करने के बजाए, मौके पर मौजूद 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिजनों से  बेतुका बहस करने पर उतारू हो गए। इस दौरान वीडियो में सीएमओ यह साफ कहते नजर आ रहे है कि निर्भया कौन है? अगर वह मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी, तो वह दिल्ली क्यों गई?

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मैं स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध करती हूं कि सीएमओ को निलंबित किया जाना चाहिए

इस बार मामले में निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि यह देखना अविश्वसनीय है कि आज सात साल बाद, CMO जैसा व्यक्ति मेरी बेटी को दोषी ठहरा रहा है। मैं स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध करती हूं कि सीएमओ को निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने जो कहा उसके लिए उन्हें माफी भी मांगनी चाहिए। मैं दिल्ली से विरोध का समर्थन करूंगी।

बता दें कि दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई निर्भया की मौत को सात साल बीत चुके हैं। एक तरफ अदालत में हर दूसरे दिन निर्भया के आरोपियों की फांसी पर सुनवाई हो रही है, तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी(सीएमओ) ने निर्भया को लेकर बेहद लापरवाही भरा बयान दिया है।

बलिया जिले के सीएमओ ने निर्भया को लेकर बेहद लापरवाही भरा बयान दिया

सीएमओ ने निर्भया के बाबा से बहस करते हुए सवाल किया कि कौन है निर्भया? क्यूं भेजा था उसे दिल्ली? निर्भया के बाबा और सीएमओ की इस बहस का वीडियो देशभर में वायरल हो रहा है। बता दें कि सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत के बाद 11 जनवरी 2013 को उसके गांव पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25 लाख रुपये का चेक दिया था और निर्भया के नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एनएच 31 से गांव तक सड़क बनवाने की घोषणा की थी। इसके बाद गांव में निर्भया के नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन कर तैयार हुआ, जिसकी हालत बेहद खराब और अव्यवस्थित है।

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स्वास्थ्य केंद्र की दुर्व्यवस्था के विरोध में रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता अश्वनी कुमार ने धरना दिया। उसके समर्थन में सोमवार को निर्भया के बाबा भी कुछ ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। धरनारत ग्रामीणों का कहना था कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर नहीं आते हैं, जिससे गांव के लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती है। जब तक यह समस्या दूर नहीं होगी धरना चलता रहेगा।

उनका कहना था पहले तो अस्पताल में चिकित्सा की अच्छी सुविधा थी लेकिन वर्तमान में अस्पताल में डॉक्टर नहीं आते हैं जिससे लोग इलाज नहीं करा पा रहे। इसी बीच धरनास्थल पर पहुंचे सीएमओ बलिया के साथ निर्भया के बाबा से बहस की। सीएमओ ने कहा कि जब हमारे गांव में डॉक्टरी की पढ़ाई की सुविधा ही नहीं है, तो आप डॉक्टर की उपस्थिति की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

सीएमओ ने कहा कि जब हमारे गांव में डॉक्टरी की पढ़ाई की सुविधा ही नहीं है, तो आप डॉक्टर की उपस्थिति की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

उन्होंने कहा कि यहां डॉक्टर के 204 पद रिक्त हैं, लेकिन मात्र 70 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। सीएमओ ने कहा कि हमारा काम अस्पताल बनाना नहीं, डॉक्टरी की पढ़ाई कर लोगों का इलाज करना है। उन्होंने निर्भया के बाबा को फटकारने के लहजे में कहा कि हमने अस्पताल बनवाया है क्या, जो यहां के डॉक्टरों की जिम्मेदारी हमारी होगी? गांव में डॉक्टर पैदा कीजिए!

जवाब में गुस्साते हुए बाबा ने निर्भया की ओर संकेत करते हुए कहा कि हमारी एक डॉक्टर की तो आपने जान ले ली। निर्भया का नाम सुना है आपने? इस पर सीएमओ बिफर गए और कह डाला कि कहां की डॉक्टर? कौन डॉक्टर? उसे दिल्ली क्यूं भेजा दिया था आपने, यहां क्यों नहीं रखा?

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