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नगरीय निकायों के चुनावों में प्रबुद्ध सम्मेलन को योगी ने बनाया सबसे प्रभावी हथियार

CM Yogi

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। आरक्षण जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की निकायों में भी भाजपा की सरकार बनाने की मंशा है। इस दिशा में वह कदम बढ़ा दिए हैं। इस समय मुख्यमंत्री योगी प्रदेश भर में प्रबुद्ध सम्मेलन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) नगरीय निकायों को सरकार का तीसरा इंजन मानते हैं। उनके मुताबिक अगर तीसरा इंजन भी अपना हो तो विकास की गति और तेज हो जाएगी। तेज विकास गति उत्तर प्रदेश की जरूरत है। चूंकि शहर ही मौजूदा समय में विकास की धुरी हैं। लिहाजा इनका विकास जरूरी है। इसीलिए आज कल वह प्रबुद्ध सम्मेलनों में लगातार ट्रिपल इंजन सरकार की बात कर रहे हैं।

इस बार इरादा क्लीनस्वीप का है। लिहाजा सरकार और संगठन ने पूरी ताकत इन चुनावों में झोंक दी है। मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने इसके लिए संवाद को अपना मुख्य हथियार बनाया है। प्रबुद्धजन सम्मेलन इसी की एक कड़ी है। इस क्रम में अब तक मुख्यमंत्री सहारनपुर, गाजियाबाद, झांसी, प्रयागराज, अलीगढ़, आगरा, फिरोजाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, गोरखपुर लखनऊ में प्रबुद्ध सम्मेलन कर चुके हैं। आज सहारनपुर में कर रहे हैं। वह जहां भी जा रहे हैं, लोगों से संवाद के साथ विकास की भी सौगात दे रहे हैं।

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इन चुनावों में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं ही प्रमुख मुद्दा होते हैं। यही वजह है कि नगरीय सुविधाओं में इजाफा करने के लिए सरकार भरपूर धन भी उपलब्ध करा रही है। 33 हजार 700 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट में नई योजनाओं पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान है। इसमें से अधिकांश रकम सड़क निर्माण और नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने में खर्च होगी।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम करीब 200 नगर पालिका परिषद और 500 नगर पंचायतें हैं। सरकार का इरादा इस बार क्लीन स्वीप का है। खासकर 17 नगर निगमों पर। नगरीय निकाय के पिछले (2017) चुनावों में अलीगढ़ एवं मेरठ को छोड़ बाकी सभी नगर निगम के चुनाव भाजपा के पक्ष में आये थे।

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