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मुख्यमंत्री राहत कोष से एक वर्ष में इलाज के लिए दिए गए 1300 करोड़ः मुख्यमंत्री

CM Yogi inaugurates Medanta Super Specialty Hospital in Noida

CM Yogi inaugurates Medanta Super Specialty Hospital in Noida

नोएडा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गुरुवार को नोएडा में मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। सीएम ने निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं के बारे में जाना और इसे क्वालिटी हेल्थ सर्विसेज का बेहतरीन सेंटर बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल सुपर स्पेशियिलिटी हॉस्पिटल ही नहीं, बल्कि एक छत के नीचे ढेर सारा रोजगार व यूपी को बड़ा निवेश भी दे रहा है। सीएम ने मेदांता की तारीफ करते हुए कहा कि नाम ही काफी है। जब भी हम अपने परिश्रम, प्रयास से सही दिशा को चुनते हैं तो उसके परिणाम भी अच्छे आते हैं। अच्छा प्रयास नाम के साथ ब्रांड बन जाता है और बेहतरीन-क्वालिटी हेल्थ सर्विसेज में मेदांता देश में ब्रांड बना है।

बेहतरीन सेवा से मेदांता ने लखनऊ में भी बनाई पहचान

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि गुड़गांव के बाद जब लखनऊ में मेदांता का शुभारंभ होना था तो लोग पूछते थे कि क्या यह चल पाएगा, हमें तब भी संदेह नहीं था। मेदांता ने लखनऊ में भी बेहतरीन सेवा से पहचान बनाई है। कोविड के दौरान वह हॉस्पिटल यूपी वासियों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ। सीएम ने कहा कि पश्चिम यूपी में बहुत दिनों से और भी अच्छे हॉस्पिटल की मांग होती थी। सीएम ने यहां की सर्विसेज की तारीफ की।

8-10 वर्ष पहले गरीब के लिए उपचार कराना होता था कठिन

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि दुनिया काफी आगे बढ़ चुकी है, इसलिए बेहतरीन हेल्थ सर्विसेज में भी पीछे नहीं रह सकते। 8-10 वर्ष पहले गरीब के लिए उपचार कराना कठिन होता था। किडनी, कैंसर, लीवर सिरोसिस, बाईपास सर्जरी आदि के लिए गरीब के पास सामर्थ्य नहीं होता था। वह जमीन बेचता या महिलाओं के जेवर गिरवी रखता था। फिर हमारे पास भी हॉस्पिटल को पत्र लिखने और डॉक्टर से बात करने की सिफारिश आती थी। सीएम ने बताया कि पिछले छह-सात वर्ष में प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देश के अंदर 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष स्वास्थ्य की फ्री सेवा उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। यूपी में हमने उसके दायरे को बढ़ाया है। यूपी में जो तबका इसके दायरे में नहीं आ पा रहा था, लेकिन जरूरतमंद था। उसे भी राज्य की ओर से इस सुविधा से जोड़ने का कार्य किया गया।

मुख्यमंत्री राहत कोष से एक वर्ष में दिए गए 1300 करोड़

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि देना शुरू किया। यह सुविधा हर वर्ष उपलब्ध करा रहे हैं। इस कोष से एक वर्ष में 1300 करोड़ रुपये स्वास्थ्य सेवा के लिए गरीबों को उपलब्ध कराए गए। प्रदेश के इन्पैन्ल्ड हॉस्पिटल, जहां उसका उपचार हो रहा है, वहां धनराशि उपलब्ध कराई गई। सीएम योगी ने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने का हकदार है। पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने यह गारंटी दी है।

उत्तर प्रदेश ने 8 वर्ष में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बेहतर कदम बढ़ाए हैं

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 8 वर्ष में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बेहतर कदम बढ़ाए हैं। इससे पहले यूपी की पहचान वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया थी। हमने उस पहचान को हटाकर यूपी को वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज से जोड़ा है। हर जनपद में अच्छे हॉस्पिटल खुलें, इसके लिए पॉलिसी के दायरे में लाकर उन्हें सुविधा देना प्रारंभ किया। हाउसिंग के रूल में संशोधन किया। पहले हॉस्पिटल बनाने के लिए 18 मीटर की सड़क आवश्यक थी। हमने कहा कि 7 मीटर की सड़क में भी हॉस्पिटल बनाइए, हम नक्शा पास करेंगे और कनेक्टिविटी समेत सभी सुविधा देंगे। आज बड़े पैमाने पर लोग यूपी में आ रहे हैं।

तकनीक का उपयोग कर आमजन को उपलब्ध करा सकते अच्छी सर्विस

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में आज 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत व मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के जरिए सुविधाओं से जोड़ रहे हैं। आज यूपी सरकार द्वारा आईआईटी कानपुर के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (मेडटेक) का कार्य हो रहा है। तकनीक का उपयोग करते हुए अच्छी सर्विस आमजन को उपलब्ध करा सकते हैं। एआई का बेहतर उपयोग करके कैथलेक को बेहतर बना सकते हैं। एक छत के नीचे सुविधाएं प्राप्त होना बड़ी बात है।

डॉक्टर पर मरीज का बहुत बड़ा विश्वास होता है

सीएम योगी (CM Yogi) ने मेदांता गुड़गांव से जुड़ा संस्मरण सुनाते हुए कहाकि मरीज का डॉक्टर पर बहुत बड़ा विश्वास होता है। बताया कि मेरे गुरु की आयु लगभग 94 वर्ष थी। अस्वस्थ होने पर भी वे कहते थे कि हॉस्पिटल नहीं जाऊंगा, तब मैं डॉ. प्रवीण चंद्रा को फोन करता था कि आप फोन करके गुरु जी को बुलवा लीजिए। इस पर गुरु जी हॉस्पिटल जाने को तैयार हो जाते थे। वहां एडमिट थे पर जब डॉ. नरेश त्रेहन व उनकी टीम, फिर डॉ. चंद्रा कहते थे कि आप स्वस्थ हैं तो गुरु जी छड़ी उठाकर कहते थे कि चलो, अब चला जाए। डॉक्टर ने कह दिया, अब मैं स्वस्थ हूं। 96 वर्ष में उनका शरीर शांत हुआ था। चिकित्सक ने कह दिया कि आप स्वस्थ हैं तो उस आयु में भी बेड से खड़े होकर छड़ी लेकर चल देते थे।

दूरदराज के क्षेत्रों में तकनीक के उपयोग पर जोर

सीएम ने दूरदराज के क्षेत्रों में तकनीक के उपयोग पर जोर दिया। बताया कि कोविड के समय हब एंड स्पोक मॉडल पर वर्चुअल आईसीयू शुरू किया था। इस समय एसजीपीजीआई लखनऊ व मेदांता लखनऊ ने भी इस प्रक्रिया को दूरदराज के क्षेत्रों में अपनाया है। पहले चरण में वर्चुअल आईसीयू के माध्यम से टीम के प्रशिक्षण देने के साथ ही सर्विसेज दी जा रही है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में प्रतिदिन 10-12 हजार लोग ओपीडी में आते हैं। सीएम ने कहा कि सर्दी-जुकाम, सामान्य वायरल फीवर वाले को टेलीकन्सलटेशन की सुविधा देकर उसके खर्चे को भी रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि 11 वर्ष में हमने बदलते परिवेश को देखा है। थोड़े सा प्रयास कर बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है। सीएम ने क्वालिटी लाइफ पर जोर दिया।

सीएम ने इंसेफेलाइटिस का दर्द किया बयां

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश (गोरखपुर-देवीपाटन मंडल के चार-चार व बस्ती के तीन जनपदों) में बरसात के समय इंसेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष 1200 से 1500 बच्चों की मौत होती थी। 1977 से 2017 तक यह सिलसिला जारी रहा। 1998 में पहली बार सांसद बनने के बाद मैं गोरखपुर मेडिकल कॉलेज निरीक्षण करने गया था। प्रिंसिपल एक वॉर्ड में जाने से रोक रहे थे, तब एक कार्यकर्ता ने बताया कि वहां इंसेफेलाइटिस के मरीज हैं, इसलिए आपको जाने नहीं दिया जा रहा है। मुझे दिमागी बुखार की खराब स्थिति के बारे में बताया गया। जब मैं वहां पहुंचा तो देखा एक-एक बेड पर चार-चार बच्चे लिटाए गए थे। वार्ड की स्थिति बहुत बदतर थी। बदबू, पंखा नहीं चलता था। जुलाई में भीषण गर्मी में तीसरे मंजिल पर वार्ड पर बिना पंखा डॉक्टर कार्य करते थे। मैं प्रिंसिपल से मिलना चाहा तो वह भाग गए, मैं उनके घर गया। उन्होंने एक पर्ची दी और बताया कि कोई सुविधा नहीं है। एक सप्ताह बाद मठ से एसी, बेडशीट, साइड लाकर आदि लेकर गया और कहा कि एक बेड पर एक मरीज को ही रखिए। फिर दवा और उपचार के लिए राज्य सरकार से बातचीत की। सुविधा मिली, लेकिन मौत के आंकड़ों में कमी नहीं आई। बतौर सांसद मैं आंदोलन करता और संसद में मुद्दा उठाता था।

ईश्वर ने डॉक्टर के हाथ और जुबां में बड़ी शक्ति दी है

योगी (CM Yogi) ने कहा कि 2017 में सीएम बनने के बाद इस बीमारी से सामना करने के लिए मैंने तैयारी की। शासन के अलग-अलग विभागों की टीम बनाकर स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाकर अभियान शुरू कराया। पूर्वी उप्र में इस बीमारी से 40 वर्ष में 50 हजार से अधिक बच्चों की मौत हुई, लेकिन जब हमारी सरकार ने अभियान प्रारंभ किया तो महज दो वर्ष में इस बीमारी को नियंत्रित कर दिया। आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से मौत नहीं होती। आज वहां सुविधाएं बहुत अच्छी हो गई हैं। डॉक्टर यदि बीमारी से बचाव का मार्ग बता सकें तो जीवन बचाने में बड़ी मदद और मानवता पर बड़ा उपकार हो सकता है। ईश्वर ने डॉक्टर के हाथ और जुबां में बड़ी शक्ति दी है, जिससे वे मरीजों को बचाने की ताकत रखते हैं।

सीएम ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में नया केंद्र बनवाने का किया आग्रह

सीएम (CM Yogi) ने नोएडा (उत्तर प्रदेश) में मेदांता के दूसरे हॉस्पिटल के शुभारंभ पर शुभकामनाएं दीं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के नए केंद्र बनवाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व वाराणसी में पांच-पांच करोड़ लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा की आवश्यकता है। नार्थ वेस्ट बिहार व नेपाल गोरखपुर तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी के साथ ही बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ का बड़ा भूभाग स्वास्थ्य सेवा के लिए वाराणसी पर निर्भर करता है। इन दोनों बड़े केंद्रों के लिए मेदांता समूह यदि आगे आता है तो सरकार हरसंभव मदद करेगी।

मेदांता के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहन ने सीएम योगी का स्वागत किया। इस दौरान नोएडा के प्रभारी मंत्री ब्रजेश सिंह, विधायक पंकज सिंह, मेदांता के सीईओ पंकज साहनी आदि मौजूद रहे।

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