Site icon News Ganj

भारत की परंपरा संतों, ऋषि-मुनियों व महापुरुषों के त्याग-बलिदान की महागाथाः सीएम योगी

CM Yogi inaugurates cave temple at Tarun Sagaram Tirtha, Muradnagar

CM Yogi inaugurates cave temple at Tarun Sagaram Tirtha, Muradnagar

गाजियाबाद: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहाकि भारत की परंपरा संतों, ऋषि-मुनियों व महापुरुषों के त्याग-बलिदान की महागाथा है। युगों-युगों से यह महागाथा विश्व मानवता के लिए प्रेरणा रही है। विश्व मानवता ने इस महागाथा का श्रवण व प्रेरणा प्राप्त कर भविष्य को तय किया है। भारत के अंदर आज भी पवित्र उपासना विधियां श्रद्धाभाव के साथ कार्य करते हुए इस व्यवस्था को बढ़ा रही हैं। तीन दिन पूर्व अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को पूर्ण करने के महायज्ञ की पूर्णाहुति कार्यक्रम के साथ ही पीएम मोदी के करकमलों से भव्य भगवा ध्वज का आरोहण संपन्न हुआ। पूरी दुनिया व देश ने भारत के इस सनातन वैभव को देखा और अनुभव किया।

सीएम योगी (CM Yogi) गुरुवार को तरुण सागरम् तीर्थ, मुरादनगर पहुंचे। उन्होंने यहां पंचकल्याणक महामहोत्सव के अंतर्गत 100 दिन में निर्मित गुफा मंदिर का उद्घाटन किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगवान पार्श्वनाथ जी व संत तरुण सागर जी महाराज का स्मरण किया। सीएम ने मेरी बिटिया व अंतर्मना दिव्य मंगल पाठ पुस्तक का विमोचन भी किया।

यूपी का सौभाग्य, यहां अनेक जैन तीर्थंकरों का हुआ जन्म

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि यूपी का सौभाग्य है कि अयोध्या में प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव व चार जैन तीर्थंकर पैदा हुए। दुनिया ने काशी में चार जैन तीर्थंकरों को अवतरित होते हुए देखा है। श्रावस्ती में जैन तीर्थंकर भगवान संभवनाथ का जन्म हुआ। भगवान महावीर का महापरिनिर्वाण कुशीनगर के पावागढ़ में हुआ था। हमारी सरकार ने फाजिलनगर का नाम (जहां भगवान महावीर ने महापरिनिर्वाण हुआ था), उसके नामकरण की कार्रवाई को पावा नगरी के रूप में बढ़ाया है।

24 जैन तीर्थंकरों ने विश्व मानवता को दी करुणा, मैत्री व अहिंसा की प्रेरणा

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि 24 जैन तीर्थंकरों ने समाज को नई दिशा और विश्व मानवता को करुणा, मैत्री, अहिंसा व ‘जियो-जीने दो’ की प्रेरणा दी। उन्होंने सिर्फ मनुष्य ही नहीं, बल्कि प्रत्येक जीव-जंतु के लिए नई प्रेरणा प्रदान की, जिसकी प्रासंगिकता आज भी उसी रूप में बनी हुई है। मानव सभ्यता को विकास की नित नई ऊंचाइयों तक पहुंचना है तो उन्हें भारत के अध्यात्म की शरण में जाना होगा। अध्यात्म के साथ ही भौतिक विकास, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक उन्नयन के लिए सुरक्षित, सुसभ्य, साफ-सुथरा वातावरण चाहिए, जिसे भारत ने पहले भी दुनिया को दिया है और भारत, ऋषि-मुनियों, परंपरा व भारतीय संस्कृति का संदेश आज भी विश्व मानवता के लिए यही है।

ऋषि-मुनियों के संदेश को आत्मसात करते हैं तो यह विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि ऋषि-मुनि परंपरा ने जो संदेश दिया है, हम उसे आत्मसात करते हैं तो यह विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। सीएम योगी ने कहा कि गत वर्ष अप्रैल में पीएम मोदी ने विश्व नवकार महामंत्र दिवस पर वन वर्ल्ड-वन चैन कार्यक्रम का उद्घाटन किया था और हम सभी को नौ संकल्प (पानी की बचत, एक पेड़ मां के नाम, स्वच्छता का मिशन, वोकल फॉर लोकल, देश-दर्शन, नेचुरल फॉर्मिंग, हेल्दी लाइफ स्टाइल, योग व खेल को जीवन में लाना, गरीब कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य करना) प्रदान किया था। जैन मुनियों की परंपरा उसी को बढ़ाने का कार्य कर रही है।

सीएम ने जैन मुनियों की साधना, तप, अनुशासन व आत्मसंयम का किया उल्लेख

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज व उपाध्याय मुनि पीयूष सागर जी महाराज की दिनचर्या को देखा। 557 दिन की कठोर साधना, 496 दिन का निर्जल उपवास, तप, अनुशासन व आत्मसंयम का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला है। यह चीजें दिखाती हैं कि यदि हम संकल्प ले लें तो जो कुछ हमें बाहर दिखाई दे रहा है, वह सब कुछ इस शरीर में अनुभव होते हुए भी दिखाई देगा। प्रसन्न सागर जी महाराज की साधना के माध्यम से यह देखने व अनुभव करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

समारोह में आचार्यश्री प्रसन्न सागर जी महाराज, पीयूष सागर जी महाराज, नवपद्म सागर जी महाराज, परिमल सागर जी महाराज, प्रदेश सरकार के मंत्री सुनील शर्मा, नरेंद्र कश्यप, सांसद अतुल गर्ग, विधायक नंदकिशोर गुर्जर, अजीत पाल, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, भाजपा के महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल, तरुण सागरम् तीर्थ के अध्यक्ष सुनील जैन, संरक्षक रवि त्यागी आदि मौजूद रहे।

Exit mobile version