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केंद्र के प्रयासों से छत्तीसगढ़ बनेगा ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर : साय

CM Vishnudev Sai

CM Vishnudev Sai

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnudev Sai) के नेतृत्व में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। उनकी यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ को ऊर्जा (Energy) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन और सतत विकास के बड़े लक्ष्यों को भी हासिल करेगी। साथ ही जीरो कार्बन एमिशन लक्ष्यों में योगदान सुनिश्चित होगा।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में घर-घर रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट स्थापित कर लोगों को प्रदूषण मुक्त, मुफ्त और निरंतर बिजली देने की परिकल्पना की गई है। इसके माध्यम से प्रत्येक उपभोक्ता को ऊर्जा (Energy) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर उनके मासिक खर्चों में भी उल्लेखनीय कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार की ओर से बुधवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत पात्रता रखने वाले सभी नागरिक जिनके पास वैध बिजली कनेक्शन और उपयुक्त छत है, वे इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह है कि योजना के अंतर्गत एक बार सोलर पैनल स्थापित होने के बाद उपभोक्ता को हर माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। इससे न सिर्फ बिजली बिलों का झंझट समाप्त होगा, बल्कि यदि आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन होता है, तो उसे ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी ली जा सकती है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक किलोवॉट से तीन किलोवॉट तक के सौर संयंत्र लगाने पर प्रति वॉट 45 हजार रुपये से लेकर अधिकतम एक लाख 8 हजार रुपये तक की सब्सिडी केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दी जा रही है। इसमें राज्य सरकार ने भी अपनी हिस्सेदारी जोड़ दी है, जिससे उपभोक्ताओं को डबल सब्सिडी का सीधा लाभ मिलेगा।छत्तीसगढ़ सरकार जीरो कार्बन एमिशन नीति को साकार रूप देने के लिए स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता दे रही है।

छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 15 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी का उत्पादन हो रहा है। इसे बढ़ाकर सरकार ने वर्ष 2047 तक 45 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी। यह नीति न केवल वर्तमान, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी हरित और सतत भविष्य सुनिश्चित करेगी।

छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्रांति से रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेगें। इससे सोलर पैनल के निर्माण, स्थापना, रखरखाव आदि जैसे क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर बढ़ेगें। वहीं राज्य की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से डबल सब्सिडी सीधे बैंक खाते में मिलेगा। एक बार सौर पैनल की स्थापना के बाद 20-25 वर्षों तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी। लोगों को निरंतर विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। बार-बार बिजली गुल होने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा बिजली बेचने से अतिरिक्त आमदनी होगी। साथ ही स्वच्छ, हरित और पर्यावरण हितैषी जीवनशैली को बढ़ावा मिलेगा।

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