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मुख्यमंत्री ने किया शिव महापुराण कथा का श्रवण

CM Bhajanlal Sharma

CM Bhajanlal Sharma

जयपुर: छोटी काशी के विद्याधर नगर स्टेडियम में शिव महापुराण के चौथे दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा पंडाल में पहुंचे। इस दौरान कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बेटियों को अच्छी शिक्षा देने की बात कही। इससे पहले पंडित प्रदीप मिश्रा ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उनका अभिनंदन किया। दोनों में भारतीय आध्यात्म, संस्कृति और सनातन पर चर्चा हुई।

जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में रविवार को शिव महापुराण के चौथे दिन सिहोर के कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने ईसर गोरा की कथा आगे बढ़ाई। उन्होंने कहा कि जयपुरवासियों का भगवान शंकर से कोई संबंध होगा, जो ये कथा दोबारा शुरू हुई। कथा के दौरान पंडित मिश्रा ने बालिका शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक लड़की के लिए दुनिया का सबसे बड़ा धन शिक्षा है। उससे अच्छा धन कोई भी नहीं।

बेटी को बेटे से दोगुना पढ़ाओ

कथावाचक मिश्रा ने जयपुर की धरा से श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बेटों को जितना पढ़ाओ उससे दोगुना बेटी को पढ़ाना। बेटी की शादी जब करो तो कन्यादान देने की जरूरत ना पड़े, बेटी को ऐसी शिक्षा का दान देकर भेजना। बेटी को शिक्षा, संस्कार देकर भेजना।उन्होंने कहा कि बचपन और पचपन ये दो अवस्थाएं ऐसी होती है, जिसे सावधानी से जीने की जरूरत है।

बचपन में कोई भी बात दिल में मत रखो और उम्र 55 की हो जाए तो कोई भी बात दिमाग में मत रखो तो आप जिंदगी मस्त जी सकते हो। इस दौरान विधायक गोपाल शर्मा, बालमुकुंद आचार्य और महापौर कुसुम यादव मौजूद रहीं।

आपको बता दें कि शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने मंच से जयपुर में कथा को तीसरे दिन ही पूर्ण करने की बात कही थी। इसके बाद जिला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और आयोजकों के बीच वार्ता चली और फिर कथा 7 मई तक जारी रखने को लेकर प्रदीप मिश्रा ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया था।

इससे पहले कथा के दूसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा का एक बयान चर्चा का विषय बना, जिसमें उन्होंने कहा था कि तुलसी के पौधे की जड़ दिखने लगे तो वो पौधा मर जाता है। वैसे ही लड़कियों की नाभि भी शरीर की जड़ है, उसे वस्त्र (कपड़े) से ढक कर रखना चाहिए। जितना ढका रहेगा, उतनी सुरक्षा बनी रहेगी क्योंकि दुनिया की कोई सरकार या प्रशासन अपराध नहीं रोक सकता, उसे घर के संस्कार ही रोक सकते हैं।

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