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लोकतंत्र के साधक थे चौधरी चरण सिंह : सीएम योगी

CM Yogi

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लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) और पीवी नरसिम्हा राव तथा हरित क्रांति के जनक कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (Bharat Ratna)  से सम्मानित किये जाने के फैसले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने स्वागत किया है।

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने तीनों विभूतियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शुभकामनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इसे लेकर पोस्ट भी साझा किया और इसे अभिनंदनीय बताया।

चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए उन्होने लिखा, “ जननेता, किसानों के मसीहा, गांवों, अन्नदाता किसानों, शोषितों एवं वंचितों के उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को ‘भारत रत्न’ प्रदान करने की घोषणा अभिनंदनीय है। वे सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक थे। यह गौरव राष्ट्र निर्माण में उनके अतुल्य योगदानों का सम्मान है।”

उन्होने (CM Yogi)  कहा कि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा देश के करोड़ों किसानों का सम्मान है। यूपी के लिए ये और भी अभिनंदनीय है, क्योंकि चौधरी साहब प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने नई दिशा प्राप्त की थी।

पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न के ऐलान पर सीएम (CM Yogi)  ने लिखा, “ पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी को ‘भारत रत्न’ से विभूषित किए जाने का निर्णय अत्यंत अभिनंदनीय है। उन्होंने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से देश के आर्थिक विकास को एक नई गति प्रदान की। भारत के विकास में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।”

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इसके अलावा मीडिया से बातचीत में उन्होने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने देश को विपरीत परिस्थितियों में नेतृत्व दिया था। उनके कार्यकाल में आर्थिक सुधारों को अपनाया गया था।

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक डॉ एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा का स्वागत करते हुए लिखा, “ प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ. एमएस स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का निर्णय स्वागतयोग्य है। कृषि और किसानों के कल्याण में उनके उल्लेखनीय योगदानों का सम्मान है। यह सम्मान कृषि को बदलने में उनके अद्वितीय योगदान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।”

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